21 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए जाने वाले मिशन शक्ति के तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा।
मिशन की नोडल प्रमुख लक्ष्मी सिंह (आईपीएस) ने कहा कि तीसरे चरण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं सहित हर महिला के दरवाजे पर पुलिस सेवा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि पहली बार महिला पुलिसकर्मियों को उनके पुरुष समकक्षों की तरह बीट ड्यूटी सौंपी जा रही है।
लक्ष्मी सिंह ने कहा, प्रणाली में हम तीन या चार गांवों को शामिल करेंगे और इससे महिला कांस्टेबलों, हेड कांस्टेबलों के लिए एक बीट बनाएंगे। उन्हें सप्ताह में दो बार क्षेत्र का दौरा करना होगा और महिलाओं की समस्याओं को नोट करना होगा और फिर वरिष्ठ अधिकारी की मदद से उनका समाधान करना होगा। महिला पुलिस सरकारी योजनाओं के बारे में भी जागरूकता फैलाएगी जो महिलाओं को लाभान्वित करती हैं।
उन्होंने कहा, अब बीट की जिम्मेदारी से महिला कांस्टेबल अपने पुरुष समकक्षों की तरह सशक्त महसूस करेंगी।
लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पंचायत भवनों में मिशन शक्ति कक्ष (कमरे) खोले जा रहे हैं, जहां महिला पुलिस पिछले तीन वर्षों के जघन्य अपराधों के पीड़ितों से मिलेगी और पता लगाएगी कि उन्हें न्याय मिला है या नहीं।
यदि आरोपी फरार हैं तो महिला पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों को जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए सूचित करेगी।
मिशन शक्ति के तहत उठाया गया एक और कदम शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में पुलिस थानों में महिला-सहायता डेस्क द्वारा एकल माताओं और बुजुर्गों की साप्ताहिक देखभाल करेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर, महिला पुलिस मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं और पुरुषों के पुनर्वास के लिए अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ भी समन्वय करेगी और बस, रेलवे स्टेशनों और बाजारों का दौरा करेंगी।
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Source : IANS