दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्य्क्ष ज़फरुल इस्लाम ने आज अपने बयान पर माफी मांग ली है. आपको बता दें कि उन्होंने 28 अप्रैल को कुवैत में हिन्दुस्तानी मुसलमानों को लेकर ट्वीट किया था जिसके बाद आज उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर मेरे वक्तव्य से किसी को ठेंस पहुंची हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. हमारा देश मौजूदा समय हेल्थ इमरजेंसी से गुजर रहा है और ऐसे हालात में मेरे उस ट्वीट का गलत अर्थ निकाला गया है. आपको बता दें कि इसके पहले जफरुल इस्लाम ने ट्विटर पर लिखा था कि भारतीय मुसलमानों को लेकर अगर शिकायत कर दी जाए तो जलजला आ जाएगा.
उन्होंने कहा कि पिछले महीने की 28 तारीख को मैंने एक ट्वीट किया था जिसमें कुवैत के उत्तर पूर्वी जिलों में भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न के संदर्भ में ट्वीट किया था, मेरे इस ट्वीट से जिन लोगों को पीड़ा हुई उनसे मैं माफी मांगता हूं मेरा कभी ऐसा उद्देश्य नहीं था कि मैं किसी को हर्ट करने के लिए ऐसा ट्वीट करूं. मैंने यह महसूस किया कि मौजूदा समय में चल हमारे देश में चल रही हेल्थ इमरजेंसी के दौरान मैं उन सभी से मांफी मांगता हूं जिनकी भावनाएं मेरे उस ट्वीट को लेकर आहत हुईं थीं.
उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा एक ट्वीट की सीमा जो बहुत कम होती है जबकि उसका मतलब काफी बड़ा हो जाता है भी इस पूरी बयानबाजी की वजह बन गया था. यह बातचीत एक प्लेन भाषा में नहीं थी. इसमें बहुत सी बातों को जोड़कर मुख्य बात को छोड़ दिया गया था, मेरा यह उद्देश्य नहीं था और न ही इस ट्वीट का ये मतलब था जो कि निकाला गया. मीडिया के एक वर्ग ने इस ट्वीट के गलत मतलब निकाले और इसको अपने तरीके से गढ़ा और इसे ज्यादा भड़काऊ बना दिया ताकि इसके लिए वो मुझे जिम्मेदार ठहरा सकें. मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही थी जिसके लिए मुझे इस ट्वीट की वजह से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
आपको बता दूं कि मैंने अपने पिछले बयान में ही बताया है कि कैसे मैंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने देश का दुनिया के सामने बचाव किया है. मैं आगे भी ऐसा करना जारी रखूंगा. किसी भी देश या अरब देशों से अपने देश की शिकायत करना हमारे संविधान के खिलाफ है ऐसा करना मेरे अपने विचारों के भी खिलाफ है. मेरी परवरिश और धार्मिक विश्वास मुझे मातृभूमि से प्यार करना सिखाते हैं यह भी इस्लाम का एक हिस्सा है जो कि मेरी परवरिश में मुझे मिला है.
मैंने मीडिया के एक हिस्से को गंभीरता से लिया है जिसने मेरे ट्वीट को विकृत कर दिया और मुझे उन चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया जो मैंने कभी नहीं कहा. मेरे बयान को विकृत करने में बहादुरी दिखाने वाले समाचार चैनलों पर उचित कानूनी नोटिस पहले ही भेजे जा चुके हैं. जरूरत पड़ी तो आगे कानूनी कदम उठाए जाएंगे. मैं अपने सभी दोस्तों और शुभचिंतकों को धन्यवाद देता हूं जो इस कठिन समय के दौरान एकजुटता में मेरे साथ खड़े रहे और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि हमारे संस्थानों के भीतर और हमारे संविधान के ढांचे के भीतर कट्टरता और नफरत की राजनीति के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
Source : News Nation Bureau