भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के अचानक लेह दौरे से हर कोई हैरान रह गया है. उन्होंने यहां थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी ने यह दौरा हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है, जिससे चीन को कड़ा संदेश पहुंचा है. नतीजन पीएम मोदी के इस दौरान से ड्रैगन को मिर्ची लग गई है. इससे चीन (China) बौखला गया है. ड्रैगन ने कहा है कि कोई भी पार्टी ऐसा कुछ न करे जिससे माहौल खराब हो.
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नरेंद्र मोदी की लद्दाख यात्रा पर चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बयान जारी कर रहा है कि किसी भी पार्टी को इस बिंदु पर किसी भी कार्रवाई में शामिल नहीं होना चाहिए. झाओ लिजियन ने कहा, 'भारत-चीन लगातार सैन्य और डिप्लोमेटिक बातचीत करके बॉर्डर पर जारी तनाव को कम करने में लगे हुए हैं. ऐसे में किसी पार्टी को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे बॉर्डर पर तनाव पैदा हो.'
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है. आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ लेह पहुंचे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस समय निमू में एक अग्रिम स्थल पर हैं. वहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सीमा की स्थिति से अवगत कराया. सिंधु नदी के तट पर 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है. यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है.
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