जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को हरारे में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इसमें सेना ने भी इन प्रदर्शनकारियों का साथ दिया।
सैनिकों ने भीड़ को मुगाबे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रदर्शन स्थल तक लाने में सहायता की।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि हमारे सैनिक हमारे साथ खड़े हैं। उन्हें इस अच्छे काम को खत्म करना चाहिये, ताकि मुगाबे को सत्ता से हटाया जा सके। हमने बहुत परेशानी झेली है.... हमें खुशी है कि उन्होंने हमें वंशवाद से छुटकारा दिलाया है।'
'द गार्जियन' की रपट के अनुसार, भारी संख्या में लोगों की भीड़ शहर के मध्य सड़कों पर उतर आई।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'यह क्रिसमस जैसा माहौल है।'
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प्रदर्शनकारी ने कहा कि जिम्बाब्वे लंबे समय से पीड़ा सह रहा है और अब जाकर यहां के लोग खुश हैं।
कई लोगों ने अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज पकड़ रखा था। इनमें से एक शख्स के पास एक पोस्टर था, जिसमें मुगाबे (93) के लिए एक संदेश लिखा था, 'अब जिम्बाब्वे छोड़ दो'.. जबकि एक चौराहे पर एक विक्रेता अखबार पकड़े था, जिस पर लिखा हुआ था 'मुगाबे घिर गए।'
'बीबीसी' के मुताबिक, 'एकजुटता मार्च' के रूप में इस रैली को सेना का समर्थन प्राप्त है, जिसने मुगाबे (93) के उत्तराधिकारी को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच बुधवार को शक्ति प्रदर्शन किया था।
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सत्तारूढ़ जानू-पीएफ पार्टी की क्षेत्रीय शाखाओं के साथ ही पूर्व सैनिक भी कह रहे हैं कि मुगाबे को पद छोड़ देना चाहिए। ये पूर्व सैनिक अभी तक राष्ट्रपति के प्रति वफादार थे।
वहीं, शुक्रवार देर अपराह्न् तक देश में जानू-पीएफ पार्टी की सभी 10 प्रांतीय शाखाओं ने राष्ट्रपति के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। इससे रविवार तक मुगाबे के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने की संभावना बढ़ गई है।
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Source : IANS