NIA Action: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चेन्नई की स्पेशल कोर्ट में चार लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया. मंगलवार को दायर चार्जशीट में एनआईए ने चार युवकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने युवाओं को कट्टरपंथी बनाया फिर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में भर्ती कराया. एनआईए ने अपने बयान में चारों आरोपियों के नाम बताए, जिनका नाम मोहम्मद हुसैन, जमील बाशा, अब्दुर रहमान और इरशात है. एनआईए अदालत ने चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और गैर कानूनू गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत चार्जशीट दायर किया है.
यह है पूरा मामला
2022 में कोयंबटूर में हुए बम विस्फोट के मामले में एनआईए ने यह आरोपपत्र तैयार किया है. एनआईए कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया है. बता दें, कोयंबटूर शहर के एक मंदिर के बाहर बम विस्फोट हुआ था, जिसकी जांच एनआईए ने मामले की जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि गिरफ्तार किए गए अधिकतर आरोपियों ने भोले-भाले लड़कों को आईएसआईएस में भर्ती कराया है. देश में अशांति और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यह काम किया जाता था.
ऐसे आतंकी बनाते थे आरोपी
एनआईए ने बताया कि आरोपियों ने कोयंबटूर के मद्रास अरबी कॉलेज नाम के भाषा केंद्र में धार्मिक शिक्षा दी थी. अरबी भाषा के इस केंद्र को बाद में कोवई अरबी कॉलेज का नाम दिया गया है. बाशा ने जिला स्तर पर भाषा केंद्र स्थापित करने के लिए पूर्व छात्रों को राय दी थी. बाशा ही इस अरबी भाषा केंद्र का मुख्य संरक्षक था. कोयंबटूर में अरबी भाषा केंद्र हुसैन और इरशात ने स्थापित किया था. इसमें छात्रों को कट्टरपंथी बनाया जाता था. एनआईए के अनुसार, भाषा केंद्र के छात्रों को जमील बाशा का भाषण सुनाया जाता था.