Niti Ayog Meeting: देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिलिंग की 9वीं अहम बैठक हुई. ये मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हुई. इस मीटिंग में 10 राज्यों के प्रतिभागी शामिल नहीं हुए. अब नीति आयोग ने ऐसे राज्यों को लेकर बड़ा बयान दिया है. नीति आयोग के सीआईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि अगर वो इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए, तो इसमें उनका ही नुकसान है. अगर ये राज्य मीटिंग में आते तो और बेहतर होता. ये हमारे और उनके लिए फायदेमंद होता.
कौन-कौन से राज्य नहीं हुए शामिल
नीति आयोग के सीआईओ सुब्रह्मण्यम ने बताया कि बैठक में केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों समेत 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया था. हालांकि 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा नहीं लिया. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी के सीएम मीटिंग में शामिल नहीं हुए.
#WATCH | NITI Aayog CEO BVR Subrahmanyam says, "We had a lot of last-minute dropouts, I have speeches of some states who had not participated- Jharkhand and Puducherry. Not all have dropped out for boycott reasons. For those who did not participate, I always say that it is their… pic.twitter.com/gihaga4fdy
— ANI (@ANI) July 27, 2024
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि बहिष्कार की वजह ये राज्य मीटिंग में शामिल नहीं हुए हैं, जिन राज्यों ने बैठक में भाग नहीं लिया, मैं हमेशा उनके लिए कहता हूं कि यह उनका ही नुकसान है.
Prime Minister Narendra Modi chaired the 9th Governing Council Meeting of NITI Aayog at the Rashtrapati Bhavan Cultural Centre, New Delhi which was attended by Chief Ministers/Lt Governors representing 20 States and 6 UTs.
— ANI (@ANI) July 27, 2024
(Pic: Ministry of Information and Broadcasting) pic.twitter.com/pGiXUA1sDy
ममता के आरोपों को किया खारिज
सुब्रह्मण्यम का ये बयान ऐसे मौके पर आया, जब मीटिंग में शामिल होने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया. उनका माइक ऑफ कर दिया गया. इन आरोपों के बाद राजनीति में जबरदस्त संग्राम छिड़ गया. जवाब सरकार की ओर से भी आया. बता दें कि नीति आयोग की ये बैठक विकसित भारत की थीम पर हुई थी. इसमें देश के फ्यूचर का एजेंडा भी सेट किया गया.
जरूर पढ़ें: नॉर्थ बंगाल को पूर्वोत्तर में क्यों शामिल करना चाहते हैं बंगाल BJP चीफ
देश को दिशा दिखाने वाली नीति आयोग की बैठक पर विपक्ष की सियासत देखने को मिली. कांग्रेस समेत कई विपक्ष दलों ने नीति आयोग की बैठक से बायकॉट कर दिया. इंडिया ब्लॉक में रहकर भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलग स्टैंड लिया. वह मीटिंग में शामिल तो हुईं, मगर मीटिंग पूरी होती. उससे पहले ही ममता बाहर आ गईं. आरोप लगाया कि बोलने नहीं दिया. माइक बंद कर दिया.
ये भी पढ़ें: 'नीति आयोग को खत्म करो...', PM के साथ मीटिंग से पहले ही CM ममता ने दिखाए तेवर, कर दी ये बड़ी डिमांड
ममता और केंद्र सरकार के भी हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. ममता ने नीति आयोग की बैठक को लेकर पहले एजेंडा क्लीयर कर दिया था कि नीति आयोग की मीटिंग में बंगाल की प्रॉब्लम्स और जरूरतों को रखेंगी. अगर उनकी बात सुनी गई तो ठीक नहीं तो वह मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर निकल जाएंगी. अपने इसी एजेंडे के तहत वो बीच में ही छोड़कर निकलीं भी बस इसमें माइक बंद करने वाला आरोप जरूर जोड़ दिया. हालांकि सरकार ने उनके आरोपों को खारिज किया है.
ये भी पढ़ें: नीति आयोग ने CM ममता के आरोपों किया खारिज, 'सभी को बोलने के लिए था 7 मिनट का समय, सबने सुनीं उनकी बातें'