ब्रजभूषण सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, 26 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई

महिला पहलवानों से कथित यौन उत्पीड़न का है मामला, ब्रजभूषण को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार. दिल्ली हाई कोर्ट ने बृजभूषण के वकील से मामले को लेकर एक शार्ट नोट अदालत में जामा करने को कहा

author-image
Mohit Saxena
New Update
brajbhushan

brajbhushan

Advertisment

महिला पहलवानों से कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी बृजभूषण सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. बृजभूषण ने उनके खिलाफ दर्ज FIR, चार्जशीट और निचली अदालत की ओर से आरोप तय करने के आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका दायर की थी. उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से फिलहाल किसी तरह की राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने बृजभूषण के वकील से मामले को लेकर एक शार्ट नोट अदालत में जामा करने को कहा है. 

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण की याचिका की मेंटनेबिलिटी पर प्रश्न उठाए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में 26 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होनी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने बृजभूषण से कहा कि आप मामले में चार्ज फ्रेम होने के बाद अदालत आएं. यह कहते हुए, उनकी याचिका को खारिज कर दी गई है.

ये भी पढ़ें: Jammu Kashmir Election: गुलाम नबी आजाद ने चुनाव से पहले डाले हथियार, कहा- चाहें तो नेता वापस ले लें अपना नामांकन

बृजभूषण के वकील के आरोप

बृजभूषण के वकील के अनुसार, मामले में छह शिकायतकर्ता हैं. उनका कहना है कि FIR दर्ज कराने के पीछे छिपा हुआ एजेंडा है. वकील के अनुसार, सभी घटनाएं अलग अलग जगहों पर अलग समय पर हुई हैं. यह एक साजिश की तरह किया गया काम है. यह दलीलें कोर्ट में काम नहीं आईं. इनके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी. 

आखिर क्या है मामला

बीते साल जनवरी के माह में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे बड़े पहलवालों नेतृत्व में 30 पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे. पहलवानों ने बृजभूषण पर मनमाने तरीके से कुश्ती संघ चलाने की बात उठाई. उन्होंने महिला पहलवानों और महिला कोच के यौन शोषण का आरोप लगाया.  हालांकि, जांच को लेकर पहलवान मान गए. वहीं बृजभूषण को कामकाज से दूर रहने को कहा गया. 

इसके बाद ओलंपिक संघ की समिति ने इसकी जांच की. इसकी रिपोर्ट सबके सामने नहीं आ पाई. ऐसे में पहलवान जून में दोबारा धरने पर बैठे. इस बीच ये धरना काफी लंबा चला. इस बीच पुलिस और इनके बीच काफी संघर्ष भी दिखा. अंत में पहलवानों ने अपने मेडल लौटाए. इसके बाद बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. तब जाकर धरना खत्म हुआ. इस मामले को लेकर अभी भी सुनवाई जारी है. बृजभूषण का कार्यकाल बीते  साल ही समाप्त हो गया. वे अब कुश्ती संघ से नहीं जुड़े हैं. 

newsnation braj bhushan singh braj bhushan singh latest news newsnationlive Newsnationlatestnews
Advertisment
Advertisment
Advertisment