Advertisment

Assam: अब काजी नहीं कर सकते निकाह का पंजीकरण, असम में बाल विवाह पर प्रतिबंध, महिलाओं को मिली यह सहूलियत

असम सरकार ने एक विधेयक विधानसबा में पास करा लिया है, जिसके माध्यम से महिलाओं को काफी सहूलियत मिल गई है. असम सीएम ने कहा कि असम की बिटियों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है.

author-image
Jalaj Kumar Mishra
एडिट
New Update
Himanta Biswa Sarma

Himanta Biswa Sarma, Assam CM

असम में अब मुस्लिम विवाहों का पंजीकरण काजी नहीं कर पाएंगे. दरअसल, असम विधानसभा ने मुस्लिमों के विवाह और तालाक संबंधी एक विधेयक को पास किया है. प्रदेश के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने बिल को दो दिन पहले सदन में पेश किया था, जो आज सर्वसम्मति से पास हो गया. नये कानून के लागू होने के बाद से प्रदेश में बाल विवाह पंजीकरण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो गया है.  

Advertisment

यह भी पढ़ें- Pakistan: पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा निमंत्रण, इस कार्यक्रम में शामिल होने का दिया न्योता

अमस के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज असम की बेटियों के लिए ऐतिहासिक दिन है. असम विधानसभा से मुस्लिम पंजीकरण विधेयक 2024 पास हो गया है. नए कानून के बाद से नाबालिग विवाह का पंजीकरण अब कानून अपराध होगा. इसके अलावा, अब मुस्लिम विवाह का पंजीकरण अब काजी नहीं बल्कि सरकार करेगी. सरमा ने साथ ही साफ किया कि राज्य सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ और इस्लामी रीति-रिवाजों से होने वाले निकाहों में दखल नहीं देगी.

यह भी पढ़ें- नौसेना को मिली INS Arighat पनडुब्बी, खूबियां बनाती हैं समंदर का 'महाबली', जानिए- कैसे बढ़ाएगी देश की ताकत?

Advertisment

असम के लोगों से सीएम की अपील

मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा कि बेटी हिंदू की हो या फिर किसी मुसलमान की, हमारी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि मैं असम के लोगों से निवेदन करता हूं कि हमारा साथ दें और इस प्रथा को इतिहास तक ही सीमित रहने दीजिए. आधुनिक वक्त में इसकी बिल्कुल जरुरत नहीं है.  

यह भी पढ़ें- Terror Attack: भारत में ट्रेनों की पटरियों पर ब्लास्ट करो, हिंदू नेताओं से लड़ो, पाकिस्तानी आतंकी ने जारी किया VIDEO

Advertisment

बिल से महिलाओं को यह भी सहूलियत

कैबिनेट मंत्री जोगेन मोहन ने बताया कि नये कानून से बहुविवाह पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. इस कानून से विवाहित महिलाएं ससुराल में भरण-पोषण के अधिकार के लिए दावा कर सकती हैं. इसके अलावा, कानून से विधवा महिलाओं को उत्तराधिकारी के अधिकार पाने में मदद मिलेगी. इस कानून से विवाह संस्था मजबूत होगा. शादी के बाद अब पुरुष अपनी पत्नियों को नहीं छोड़ पाएंगे.

Advertisment

यह भी पढ़ें- Cloud Storage: अब 100 जीबी तक की क्लाउड स्टोरेज मिलेगी मुफ्त, अब फोटो-वीडियो डिलीट करने की जरूरत नहीं

Himanta Biswa Sarma assam
Advertisment
Advertisment