One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देशभर में हलचल और बहस छिड़ गई है. आज यानी मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है. शीतकालीन सत्र के लिए मोदी सरकार ने बड़ा एजेंडा तय कर दिया है तो विपक्ष भी एक साथ चुनाव के अंदर की चुनौतियों को लेकर भी मैदान में उतर आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन को लोकतंत्र को मजबूती देने वाला तो वहीं कांग्रेस ने संविधान के खिलाफ बताया. आइए जानते हैं कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर किस नेता ने क्या कहा.
The Cabinet has accepted the recommendations of the High-Level Committee on Simultaneous Elections. I compliment our former President, Shri Ram Nath Kovind Ji for spearheading this effort and consulting a wide range of stakeholders.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2024
This is an important step towards making our…
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‘संविधान के खिलाफ है वन नेशन वन इलेक्शन’
मोदी कैबिनेट ने जब वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दी, तो विपक्षी गठबंधन के नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं, जिन्होंने इस कदम का विरोध करते हुए इसे ‘अव्यवहारिक’ और ‘राज्यों को अस्थिर करने की योजना’ बताया. कांग्रेस ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विरोध किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘One Nation, One Election केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है. ये संविधान के खिलाफ है, ये लोकतंत्र के प्रतिकूल है, ये Federalism के विरूद्ध है. देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.’
One Nation, One Election केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 18, 2024
ये संविधान के ख़िलाफ़ है,
ये लोकतंत्र के प्रतिकूल है,
ये Federalism के विरूद्ध है।
देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। pic.twitter.com/rFMFInrnNA
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गिरिराज ने किया पलटवार
इस पर बीजेपी मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ‘खड़गे जी, राजनीतिक विद्वेष छोड़कर वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करें. यह देश को आगे ले जाने में बहुत मददगार होगा.’
खड़गे जी, राजनीतिक विद्वेष छोड़कर वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करें। यह देश को आगे ले जाने में बहुत मददगार होगा।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 18, 2024
कांग्रेस के समय में 1951 से 1967 तक वन नेशन वन इलेक्शन हुआ था। उस समय नेहरू जी ने इसकी शुरुआत की थी और उनके निधन के बाद भी यह जारी रहा।
क्या खड़गे जी नेहरू जी को गलत…
‘एक राष्ट्र एक चुनाव व्यावहारिक नहीं’
इस बीच, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह इस देश में बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है. वे मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं.’
The party that delayed Maharashtra elections based on some political calculation is talking about One Nation, One Election. Today’s news of the Cabinet approving the report on simultaneous elections is nothing but headline management.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) September 18, 2024
INC President Sh. @kharge ji had conveyed…
वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस फैसले को 'नौटंकी' करार दिया और कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' देश और उसके संघीय ढांचे के हित में नहीं है.
VIDEO | "BJP has realised that this fact that they will lose elections in Haryana, Jammu and Kashmir, Maharashtra and Jharkhand. After losing one state after another, BJP was not in a position to sustain that pressure that would've resulted in collapse of their coalition… pic.twitter.com/dJMe18BJdT
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2024
'देशहित में वन नेशन वन इलेक्शन'
सियासी संग्राम के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को देशहित में बताया. उन्होंने कहा है कि देश में एक साथ चुनाव होने से चुनावी खर्च कम होगा.
‘वन नेशन वन इलेक्शन लोकतंत्र से समझौता’
एआईएमएमएस के असदुद्दीन ओवैसी ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि, ‘कैबिनेट का फैसला लोकतंत्र से समझौता करता है. यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है.’
AIMIM Chief Asadudddin Owaisi tweets, "I have consistently opposed One Nation One Elections because it is a solution in search of a problem. It destroys federalism and compromises democracy, which are part of the basic structure of the constitution. Multiple elections aren’t a… pic.twitter.com/5grbv13OkP
— ANI (@ANI) September 18, 2024
हालांकि, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया. बीएसपी सुप्रीमो मायावती बोलीं, ‘एक देश, एक चुनाव’ पर हमारी पार्टी का स्टैंड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी.’
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