गोवा सरकार की नीतियों को लेकर विपक्ष हमलावर है. उसका कहना है कि राज्य में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से करीब दोगुनी है. विपक्ष ने 2023-24 के पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की रिपोर्ट का हवाला दिया. गोवा में बेरोजगारी दर करीब 8.7 प्रतिशत है. वहीं राष्ट्रीय औसत 4.5 प्रतिशत है. यहां पर महिला बेरोजगारी दर 16.8 प्रतिशत है, वहीं राष्ट्रीय औसत मात्र 4.9 प्रतिशत ही है. इसका अर्थ है कि महिला बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से करीब 4 गुना अधिक है. वहीं गोवा की श्रम भागीदारी दर भी राष्ट्रीय औसत से कम है.
गोवा में बेरोजगारी के कारण
गोवा के विभिन्न उद्योगों में रोजगार बड़ी चुनौती की तरह है. राज्य की 55 प्रतिशत आबादी सर्विस सेक्टर में है. वहीं, 19.7 फीसदी लोग कृषि क्षेत्र में हैं और 30.5% लोग दूसरे सेक्टर में काम कर रहे हैं. राज्य में युवाओं और महिलाओं में निराशा और असंतोष है. विपक्ष का आरोप है कि पर्यटन की शान माने जाने वाले गोवा में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है. उनका कहना है कि सरकारी नौकरियां में जमकर भ्रष्टाचार और धांधली कर रही है. मैरिट और योग्यता को दरकिनार करके सरकार ने नौकरी दी है. इससे ईमानदार और योग्य उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी है.
भूमि का उपयोग गलत तरीके से किया- सरदेसाई
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने सरकार की नौकरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने कहा, "गोवा सरकार ने यहां के होनहार युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल दिया है." सरदेसाई ने सरकार की सार्वजनिक संसाधनों के प्रबंधन पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने ज़ुआरी एग्रीकेमिकल्स का उदाहरण दिया, जहां 50 लाख वर्ग मीटर से अधिक भूमि को गोवा के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के इरादे से आवंटित की गई थी. मगर सरकार ने इस भूमि का उपयोग गलत तरीके से किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस भूमि को अमीरों को आवंटित कर दिया है. उन्होंने कहा कि जो भूमि 25 पैसे प्रति वर्ग मीटर पर दी गई थी, उसे अब 1,19,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर में बेचा जा रहा है. सरकार युवाओं से खिलावाड़ कर रही है.