पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है. इस योजना लागू होने के बाद सियासी बयान बाजियों की बाढ़ लग गई है. इसी कड़ी में शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने अपनी टिप्पणी की है. आनंद दुबे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन योजना को मंजूरी मिलने के बाद यह तय हो जाता है कि विपक्ष की मांग सही थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष लंबे समय से मांग हो रही थी कि सरकार को एक पेंशन योजना को लान लानी चाहिए था.
रिटायर होने के बाद अच्छी खासी रकम मिलेगी
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देश भर में 240 सीटें जीती तो उन्हें समझ में आ गया कि 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना लानी होगी. कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद अच्छी खासी रकम मिलेगी.
उन्होंने कहा कि पेंशन स्कीम विपक्ष की मांग पहले से थी. चार राज्यों में चुनाव के पहले यह योजना लाई गई. चार में से दो राज्य (हरियाणा और जम्मू-कश्मीर) में चुनाव की घोषणा हो गई. दो अन्य राज्य झारखंड और महाराष्ट्र में किसी भी समय चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. चुनाव से पहले इस योजना को लाकर उन्होंने आचार संहिता को भंग किया.
चुनाव से पहले यह योजना क्यों लाई?
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि देश में चुनाव जारी है और आप योजना ला रहे हैं. चुनाव से पहले भी तो ला सकते थे? पेंशन स्कीम जो लाई गई यह विपक्ष की डिमांड थी. मगर केंद्र सरकार को चुनाव से पहले यह योजना क्यों लानी चाहिए ?
आपको बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को इजाजत दी है. केंद्र सरकार के कर्मियों को इस योजना से लाभान्वित होंगे. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस से जुड़े कर्मचारियों को यूपीएस का विकल्प भी दिया जाएगा.