पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन की संपत्ति अब नीलाम हो चुकी है. उनके परिजन नुरू की 13 बीघा भूमि यानी शत्रु संपत्ति की कीमत 1.38 करोड़ रुपये लगाई गई है. बागपत में आठ खसरा नंबर वाली भूमि की ई-नीलामी वाली प्रक्रिया सुबह 11 बजे से रात के नौ तक जारी रही. इस संपत्ति को 10 घंटे में खरीद लिया गया. शत्रु संपत्ति बिकने के साथ ही परवेज मुशर्रफ और उसके परिजन नुरू का नाम बागपत से हमेशा के लिए खत्म हो गया. इस ई-नीलामी की प्रक्रिया की सूचना बागपत के प्रशासन को दी गई है. करीब पौने पांच बीघा भूमि को बागपत के पंकज कुमार ने खरीद लिया है.
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नुरू बागपत के बड़ौत तहसील के कोताना गांव के रहने वाले थे. वर्ष 1965 में वे पाकिस्तान चले गए थे. नुरू को परवेज मुशर्रफ के परिवार का सदस्य बताया जाता है. नुरू के नाम से कोताना गांव में करीब 13 बीघा भूमि मौजूद है. इसे सरकार ने वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दी थी.
इस संपत्ति के आठ प्लाट यानी आठ खसरा नंबर है. इसकी ई-नीलामी प्रक्रिया आज सुबह 11 बजे शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से शुरू हुई. ये रात के नौ बजे खत्म हो गई. यह भूमि गांव में बांगर की है. एडीएम पंकज वर्मा के अनुसार, काेताना गांव के रहने वाले नुरू 1965 में पाकिस्तान चले गए थे.
उनके नाम से शत्रु संपत्ति का क्षेत्रफल लगभग 13 बीघा राजस्व अभिलेखों में दर्ज है. इसे वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था. इस संपत्ति की ई-नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसे तीन लोगों ने मिलकर 1.38 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. करीब पौने पांच बीघा भूमि को बागपत के पंकज कुमार ने खरीद लिया है. अभी और भी भूमि बाकि है, जिसकी नीलामी होनी है.
परवेज मुशर्रफ का नाम मिटा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की माता का नाम बेगम जरीन और पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था. शादी के बाद दोनों परिवार साल 1943 में गांव से दिल्ली चले गए. परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ. 1947 में परवेज मुशर्रफ का परिवार पाक चला गया.