Vector-Borne Diseases in India: भारत में वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों के रूप में उभरे हैं. ये बीमारियां मच्छरों और अन्य कीटों के काटने से फैलती हैं, जो कमजोर जनसंख्या, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रभावित होती है. भारत के उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में वेक्टर जनित रोगों का प्रभाव अपेक्षाकृत अधिक देखा जाता है. इस वर्ष, विशेष रूप से मानसून के बाद, डेंगू और मलेरिया के मामलों में वृद्धि देखी गई है.
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उपचार सुविधाएं और उपलब्धता
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में वेक्टर जनित रोगों से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं. हाल के वर्षों में, सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs) में उपचार सुविधाओं का विस्तार किया है. इन राज्यों में जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और विशेष स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का इलाज किया जाता है. वहीं बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों ने डेंगू और मलेरिया के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाए हैं. छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. बिहार के पटना और झारखंड के रांची में सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी वेक्टर जनित रोगों के इलाज की सुविधाएं हैं.
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित है, जिसके कारण समय पर निदान और उपचार में दिक्कतें आती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने मोबाइल हेल्थ यूनिट्स और टेलीमेडिसिन सेवाओं की शुरुआत की है, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में भी इलाज की सुविधा प्रदान की जा सके.
पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए कदम
वहीं आपको बता दें कि पिछले एक दशक में भाजपा सरकार ने वेक्टर जनित रोगों के मुकाबले के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, सरकार ने मलेरिया, डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए. मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने और लोगों को जागरूक करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी बड़े स्तर पर अभियान चलाए गए.
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP)
साथ ही आपको बता दें कि यह कार्यक्रम भारत सरकार का प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों की रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक योजनाएं तैयार करना है. भाजपा सरकार ने इस कार्यक्रम के बजट को बढ़ाया और नए नियंत्रण रणनीतियों को लागू किया, जिनमें फॉगिंग, मच्छरदानी वितरण और मच्छरों के प्रजनन स्थलों की निगरानी शामिल हैं.
इसके अलावा आपको बता दें कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत, सरकार ने वेक्टर जनित रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए वित्तीय मदद और मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की है. इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के सहयोग से मच्छरों के प्रजनन और बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए तकनीकी शोध पर जोर दिया गया है.
आपको बता दें कि पिछले एक दशक में भाजपा सरकार ने वेक्टर जनित रोगों के मुकाबले के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत, सरकार ने मलेरिया, डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए. मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने और लोगों को जागरूक करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी बड़े स्तर पर अभियान चलाए गए.
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP)
साथ ही आपको बता दें कि यह कार्यक्रम भारत सरकार का प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों की रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक योजनाएं तैयार करना है. भाजपा सरकार ने इस कार्यक्रम के बजट को बढ़ाया और नए नियंत्रण रणनीतियों को लागू किया, जिनमें फॉगिंग, मच्छरदानी वितरण और मच्छरों के प्रजनन स्थलों की निगरानी शामिल हैं.
इसके अलावा आपको बता दें कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत, सरकार ने वेक्टर जनित रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए वित्तीय मदद और मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की है. इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के सहयोग से मच्छरों के प्रजनन और बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए तकनीकी शोध पर जोर दिया गया है.
बहरहाल, वेक्टर जनित रोगों का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अभी भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है. सरकारी योजनाएं और अभियान लोगों में जागरूकता और रोकथाम के उपायों को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन इन बीमारियों के पूर्ण नियंत्रण के लिए सतत प्रयासों की जरूरत है.