PM Modi On Women Security: पीएम मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम में आयोजित जिला अदालतों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान पीएम मोदी ने संम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने महिलाओं खिलाफ हो रहे अपराधों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही. पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में जल्द न्याय की जरूरत पर जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिला अपराधों में जल्द न्याय मिलने से लोगों को भरोसा बढ़ेगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, 'न्यायपालिका को संविधान का संरक्षक माना जाता है, सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हम सब जानते हैं कि आजादी के अमृत काल में हम सब 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है, विकसित भारत, नया भारत, यानी सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी न्याय पालिका इस विजन का एक मजबूत स्तंभ है, खासतौर से हमारी डिस्ट्रिक्ट ज्यूडीशरी. डिस्ट्रिक्ट ज्यूडीशरी भारतीय न्यायपालिका की व्यवस्था का एक आधार है.
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देश का सामान्य नागरिक न्याय के लिए सबसे पहले आपकी ही का दरवाजा खटखटाता है. इसलिए ये न्याय का पहला केंद्र है, ये न्याय की पहली सीढ़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि हर तरफ से सक्षम और आधुनिक हो ये देश की प्राथमिकता है. पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश में विकास का अगर कोई सबसे सार्थक पैरामीटर है तो वो है सामान्य मानव का जीवन स्तर. सामान्य मानव का जीवन स्टर उसकी ईज ऑफ लिविंग से तय होता है. उसके लिए सरल सुगम न्याय ये ईज ऑफ लिविंग की अनिवार्य शर्त है.
पीएम मोदी ने आपातकाल को बताया काला दौर
इस दौरान पीएम मोदी ने आपातकाल को एक काला करार दिया. पीएम मोदी ने कहा कि, न्यायपालिका ने मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की है. न्यायपालिका की भूमिका आपातकाल के दौरान भी देखने को मिली है.
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तभी आधी आबादी को होगा भरोसा- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या तथा ठाणे में दो किंडरगार्टन लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न को ध्यान में रखकर महिला सुरक्षा की बात दोहराई. पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है. पीएम मोदी ने कहा कि, "महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से न्याय मिलेगा, तभी आधी आबादी को अपनी सुरक्षा के बारे में उतना ही अधिक भरोसा होगा." मोदी ने कहा कि, "महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए कई कड़े कानून हैं और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने की आवश्यकता है."
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