जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. चुनाव के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रदेश में पहली चुनावी रैली करेंगे. यह चुनावी रैली डोडा में होगी. प्रधानमंत्री मोदी की रैली के चलते डोडा स्टेडियम को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. ड्रोन से निगरानी की जा रही है. पीएम मोदी की यात्रा के दौरान, आसपास के मकानों पर भी सुरक्षा बलों के जवान तैनात रहेंगे. बता दें, यह विधानसभा इसलिए भी खास हैं क्योंकि 10 साल बाद यहां चुनाव हो रहे हैं.
पीएम मोदी डोडा में अपनी चुनावी रैली से आठ विधानसभा सीटों को साधेंगे. वे चिनाब वैली के डोडा, डोडा पश्चिम, भद्रवाह, किश्तवाड़, इंद्रवल, पाडर-नागसेनी, रामबन और बनिहाल विधानसभा सीट के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे. 18 सितंबर को इन सीटों पर मतदान होंगे. पीएम मोदी की रैली के दौरान, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जी किशन रेड्डी, प्रदेश प्रभारी तरुण चुघ, राष्ट्रीय महासचिव और चुनाव प्रभारी राम माधव के साथ पार्टी प्रत्याशी मौजूद रहेंगे.
क्यों डोडा से प्रचार अभियान की शुरुआत कर रहे हैं पीएम मोदी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान, पीएम मोदी ने किश्तवाड़ में रैली की थी, जिसके बाद डोडा के लोगों ने मांग की थी कि पीएम मोदी उनके इलाके में भी आएं, जिससे वे पीएम मोदी को देख सकें. इस वजह से पीएम मोदी इस बार डोडा से अपने चुनावी अभियान को शुरू कर रहे हैं. पीएम मोदी की रैली से प्रदेश में भाजपा को एक नई ताकत मिलेगी.
पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों सहित अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुरक्षाबल चाक-चौबंद हैं. जगह-जगह नाकेबंदी की गई है. वाहनों की चेकिंग की जा रही है. पूरे शहर में भाजपा के झंडे दिखाई दे रहे हैं।
प्रदेश में पीएम मोदी की तीन रैली
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. पीएम मोदी की यहां तीन रैली प्रस्तावित है. पहली रैली आज शनिवार को डोडा में, दूसरी रैली 19 सितंबर को श्रीनगर में तो तीसरी रैली 26 सितंबर को होगी. हालांकि, अब तक तीसरी रैली की जगह तय नहीं हो सकी है.
ऐसा था 2014 विधानसभा चुनाव का हाल
बता दें, प्रदेश में तीन चरणों विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. 10 साल पहले 87 सीटों पर मतदान हुआ था. इसमें पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं भाजपा दूसरी बड़ी पार्टी रही, जिसे 25 सीटें मिलीं. नेक्रां ने 15 तो कांग्रेस को सबसे कम 12 सीटें मिली थीं. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, जिस वजह से पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन में सरकार बनाई.