PM Modi Laos Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह दो दिवसीय लाओस यात्रा पर रवाना हो गए. इस दौरान वह लाओस में होने वाले 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. बता दें कि पीएम मोदी लाओस के अपने समकक्ष सोनेक्साय सिफांडोन के निमंत्रण पर जा रहे हैं.
इस साल लाओस में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
बता दें कि इस बार आसियान शिखर सम्मेलन की मेजबानी लाओस कर रहा है. विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने बताया कि, भारत आसियान से संबंधित सभी तंत्रों को बहुत महत्व देता है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ये बैठक भारत-आसियान संबंधों के भविष्य की दिशा तय करेगी.
ये भी पढ़ें: Ratan Tata के निधन पर शोक में डूबा बॉलीवुड, अजय देवगन से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक इन सितारों ने दी श्रद्धांजलि
#WATCH | Delhi | PM Narendra Modi embarks on a two-day visit to Laos to attend the 21st ASEAN-India and the 19th East Asia Summits pic.twitter.com/gO735GMNWZ
— ANI (@ANI) October 10, 2024
लाओस रवाना होने से पहले क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाओस की यात्रा पर रवाना होने से पहले एक्स पर लिखा, "21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओ पीडीआर के लिए रवाना हो रहा हूं. यह एक महत्वपूर्ण साल है, क्योंकि हम अपनी एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं, जिसके चलते हमारे देश को काफी लाभ हुआ है. इस यात्रा के दौरान वैश्विक नेताओं के साथ विभिन्न द्विपक्षीय बैठकें और बातचीत भी होंगी."
Leaving for Lao PDR to take part in the 21st ASEAN-India and 19th East Asia Summit. This is a special year as we mark a decade of our Act East Policy, which has led to substantial benefits for our nation. There will also be various bilateral meetings and interactions with various…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हो सकती है द्विपक्षीय बैठक
बता दें कि 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के इतर पीएम मोदी कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं. गौरतलब है कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देश और आठ भागीदार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. वहीं पर्यवेक्षक के रूप में तिमोर-लेस्ते भी इस सम्मेलन में शामिल होगा. बता दें कि आसियान का गठन 2005 में हुआ था.
ये भी पढ़ें: Ratan Tata Passes Away: रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र और झारखंड में एक दिन का राजकीय शोक
इसके गठन का उद्देश्य क्षेत्र में रणनीतिक विश्वास का निर्माण करना, क्षेत्र में शांति और स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना था. विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व), जयदीप मजूमदार, ने कहा कि, "पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल की घोषणा की. हम इस पर आसियान देशों के साथ मिलकर काम करते हैं. इसमें तीन आसियान देश- इंडोनेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर और तीन पूर्वी एशिया भागीदार अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान आईपीओआई में हमारे भागीदार हैं."