PM Modi Independence Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रदा दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में नालंदा विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने की बात कही. साथ ही बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने की मांग की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, नई शिक्षा नीति के तहत हम ऐसे संस्थान बनाना चाहते हैं जिससे विदेशों से लोग भारत आएं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया है. दुनिया की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने के लिए उस नालंदा भावना में महान विश्वास के साथ काम करना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि, 'नई शिक्षा नीति के तहत हम देश में एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना चाहते हैं कि जिसे मेरे देश के युवाओं को विदेश न जाना पड़े, मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों-करोड़ों रुपये खर्च न करने पड़ें. यहां ऐसे संस्थान हैं जहां विदेशों से लोग भारत आते हैं."
'40 करोड़ भारतीयों ने अंग्रेजों को भगाने की ताकत दिखाई'
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ भारतीयों ने दशकों पहले अंग्रेजों को भगाने की ताकत और साहस दिखाया था. पीएम ने कहा कि, "आजादी से पहले, 40 करोड़ भारतीयों ने साहस, समर्पण और वीरता दिखाई और एक आदर्श वाक्य के साथ आगे बढ़े. उन्होंने आगे कहा कि, "सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को तोड़ दिया. उनका एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था. अगर 40 करोड़ भारतीय ऐसा कर सकते हैं, तो मेरे 140 करोड़ भारतीय चमत्कार कर सकता है अगर वे एक प्रतिज्ञा लें तो सभी चुनौतियों के बावजूद हम 2047 तक एक विकसित भारत बना सकते हैं."
किताबें आग में नष्ट हो सकती हैं. लेकिन ज्ञान नहीं- पीएम मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून में राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया था. पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा का पुनरुद्धार भारत के 'स्वर्ण युग' की शुरुआत का प्रतीक होगा, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नया परिसर दुनिया को भारत की क्षमता का परिचय देगा. पीएम ने कहा कि, "मुझे खुशी है कि तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के 10 दिन के भीतर मुझे नालंदा जाने का अवसर मिला. नालंदा सिर्फ एक नाम नहीं है, यह एक मंत्र है, एक पहचान है, एक घोषणा है कि किताबें आग में नष्ट हो सकती हैं. लेकिन ज्ञान कायम है."