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शिनखुन ला टनल, जिसके निर्माण में PM मोदी ने किया पहला विस्फोट, चीन के खिलाफ ऐसे साबित होगी गेमचेंजर!

Shinkhun La Tunnel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को लद्दाख में शिनखुन ला सुरंग परियोजना का वर्चुअली उद्घाटन किया. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची इस टनल के निर्माण में पहला विस्फोट किया. ये सिर्फ टनल नहीं है बल्कि चीन के लिए शामत है.

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Ajay Bhartia
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Shinkun La Tunnel project

पीएम मोदी ने शिनखुन ला टनल का किया शिलान्यास (फोटो-ANI)

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Shinkhun La Tunnel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को 25वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर लद्दाख के द्रास पहुंचे. पीएम मोदी ने वहां कारगिल युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पीएम मोदी ने शिनखुन ला सुरंग परियोजना का वर्चुअली उद्घाटन किया. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची इस टनल के निर्माण में पहला विस्फोट किया.

2025 तक बनकर तैयार होगी शिनखुन ला टनल

शिनखुन ला सुंरग सिर्फ टनल नहीं है बल्कि चीन के लिए शामत है. इस टनल के बन जाने के बाद भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रख सकेगी. साथ ही चीन से संघर्ष की किसी भी स्थिति में भारतीय सेना तुरंत सीमा पर पहुंच सकेगी. इस टनल को लेकर कहा जा रहा है कि चीन के खिलाफ भारत के लिए ये टनल गेमचेंजर साबित होगी. 2025 तक इस टनल के बनकर तैयार होने की उम्मीद है. 

BRO को शिनखुन ला टनल निर्माण का जिम्मा

लद्दाख अपनी भौगोलिक स्थिति और कठिन मौसम की वजह से दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में से एक माना जाता है. पीएम मोदी लगातार इस सीमावर्ती इलाके में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने इस बॉर्डर इलाके में सड़कों और पुल को बनवाने में बहुत फोकस दिया है. इस कड़ी में पीएम ने शिनखुन ला टनल प्रोजेक्ट का आगाज किया. इस टनल को बनाने का जिम्मा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को सौंपा गया.

शिनखुन ला सुरंग का निर्माण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत और आत्म निर्भर भारत के साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. आइए जानते हैं कि शिनखून ला टनल की खूबियां और इसके बनने से देश को क्या फायदे होंगे.  

शिनखुन ला टनल की खूबियां

  • शिनखुन ला टनल दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी, जिसका निर्माण मनाली और लेह के बीच निर्माणाधीन निमो-पदम दारचा रोड पर शिनखुन ला दर्रे पर 4800 मीटर (लगभग 15,800 फीट) की ऊंचाई पर किया जा रहा है.
  • इस टनल की लंबाई 4.1 किलोमीटर लंबी होगी, जो शिनखुन ला दर्रे को वायपास करेगी. यह दर्रा हर साल 4 से 5 महीनों के लिए 15 से 20 फीट वर्ष से ढका रहता है.
  • ये एक ट्विन ब्यूब टनल होगी. इसमें हर पांच सौ मीटर पर क्रॉस पैकेज उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही टनल में आवाजाही के सभी जरूरी सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा.

शिनखुन ला टनल से होंगे ये फायदे

  • शिनखुन ला टनल के निर्माण से चार किलोमीटर की यात्रा की दूरी और 30 मिनट की समय में कमी आएगी. ये सुरंग लद्दाख को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
  • इस टनल के निर्माण के बाद हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. लोगों को आवाजाही में आसानी हो सकेगी. 
  • टनल का रणनीतिक महत्व भी अधिक है. चीन से संघर्ष की स्थिति में यह भारतीय सेना के लिए गेमचेंजर साबित होगी. इसकी मदद से सीमा पर समय रहते सैनिकों के टुकड़ियां पहुंच सकेंगी. साथ ही यह टनल सीमा तक रसद पहुंचाने का तीसरा और सबसे सुरक्षित विकल्‍प होगी.
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