Advertisment

दिल्ली में 26 साल बाद फिर सियासी भूचाल, साहिब सिंह वर्मा के बाद अब केजरीवाल देंगे CM पद से इस्तीफा

Delhi Political Crisis: दिल्ली में एक बार फिर से 26 साल पुराने हालात पैदा हो गए हैं. क्योंकि 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. अब केजरीवाल भी कुछ ऐसा ही करने जा रहे हैं.

author-image
Suhel Khan
New Update
Kejriwal and Sahib Singh Verma

26 साल पहले साहिब सिंह वर्मा ने दिया था CM पद से इस्तीफा (फाइल फोटो)

Advertisment

Delhi Political Crisis: दिल्ली में एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद दिल्ली में एक बार फिर से 26 साल पुराना इतिहास दोहराया जा सकता है. क्योंकि साल 1998 में साहिब सिंह वर्मा के इस्तीफे के बाद सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया गया था. वहीं अब केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद एक बार फिर से राजधानी में कुछ ऐसा ही हो सकता है. दरअसल, आबकारी नीति घोटाले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वह दो दिन के अंदर इस्तीफा दे देंगे.

करीब साढ़े पांच महीने जेल में रहने के बाद केजरीवाल पिछले सप्ताह ही तिहाड़ से बाहर आए हैं. जेल से बाहर आते ही उन्होंने बड़ा दांव खेलते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. यह पहली बार नहीं है, जब दिल्ली में भ्रष्टाचार के चलते किसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा हो. इससे पहले भी दिल्ली में मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में इस्तीफा दे चुके हैं.

ये भी पढ़ें: Big News: रेलवे यात्रियों के लिए बुरी खबर, 16 से 27 सितंबर तक कैंसिल रहेंगी ये ट्रेनें, सूची हुई जारी

1996 में मदन लाल खुराना ने दिया था इस्तीफा

बता दें कि साल 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता मदन लाल खुराना को इस्तीफा देना पड़ा था. उस वक्त मदन लाल खुराना और बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवानी जैन डायरी केस या हवाला घोटाला में फंसे हुए थे. विपक्ष ने बीजेपी को इस मुद्दे पर घेर लिया. उसके बाद जनवरी 1996 में एलके आडवानी ने बीजेपी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया. इसके बाद मदन लाल खुराना ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनके बाद साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और दो साल तक इस पद पर रहे. हालांकि विधानसभा चुनाव से ठीक प्याज की महंगाई की वजह से उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

ये भी पढ़ें: IND vs BAN: भारत-बांग्लादेश के बीच होगी टेस्ट और T20I सीरीज, यहां देखें पूरा शेड्यूल

सिर्फ 52 दिन तक दिल्ली की CM रह पाई थीं सुषमा स्वराज

साबिह सिंह वर्मा के इस्तीफा के बाद साल 1998 में सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी, जो दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, लेकिन वह सिर्फ 52 दिनों तक ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रह पाईं. क्योंकि विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी बुरी तरह से हार गई. जहां 1993 में बीजेपी को 49 सीटों पर जीत हासिल हुई थी तो वहीं 1998 में बीजेपी सिर्फ 15 सीटों पर ही सिमट गई. जहां 1993 में कांग्रेस को दिल्ली में 14 सीटें मिली थी वहीं 1998 में कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत हासिल हुई. उसके बाद बीजेपी कभी दिल्ली की सत्ता में वापसी नहीं कर पाई.

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल के फैसले पर बीजेपी-कांग्रेस का पलटवार, थोड़ी देर में नए CM के नाम पर होगी चर्चा

27 साल बाद दिल्ली में फिर बने ऐसे हालात

अब 27 साल बाद दिल्ली में ऐसे ही हालात एक बार फिर से बन गए हैं. क्योंकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल कथित शराब घोटाले में फंसे हुए हैं. इस घोटाले के चलते मुख्यमंत्री केजरीवाल और तत्कालीन डिप्टी सीएम के अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को जेल तक जाना पड़ा है. केजरीवाल समेत ये बड़े नेता जेल से बाहर तो आ गए, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों से अभी तक बरी नहीं हुए.

अब क्या है केजरीवाल के पास विकल्प

दिल्ली में जल संकट, साफ-सफाई और विकास कार्यों के ठप होने की वजह लोग भी खासे नाराज हैं. केजरीवाल सरकार इन तमाम चुनौतियों से जूझ रही है. इसके साथ ही उन्हें अपनी छवि को भी बकरार रखना है. लेकिन, जमानत की शर्तों के चलते सीएम केजरीवाल के हाथ बांधे हुए हैं. ऐसे संकट के समय पार्टी के सामने बड़ा दांव चलने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है. इसी के चलते केजरीवाल के सीएम पद को छोड़ने के ऐलान को चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. अब देखने वाली बात ये होगी कि केजरीवाल का ये दांव कितना कामयाब होता है, ये चुनावी नतीजों के बाद ही साफ होगा.

CM kejriwal arvind kejriwal delhi cm Delhi Politics AAP Chief Arvind Kejriwal AAP Arvind Kejriwal
Advertisment
Advertisment
Advertisment