Independence Day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधिकत किया. उन्होंने देशवासियों को राष्ट्रीय पर्व की शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि पूरा देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है. मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हो रही है. तिरंगा चाहे लाल किले की प्राचीर पर फहराया जाए या फिर हमारे आस-पास, इसे देखकर हमेशा पूरा शरीर उत्साह से भर जाता है.
लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज 14 अगस्त को हमारे देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. आज का दिन उस वक्त की भयावहता को याद करने का दिन है. देश के विभाजन के वक्त लाखों लोगों को मजबूरी में पलायन करना पड़ा था. विभाजन की आग में लाखों लोगों को मरना पड़ा था. स्वतंत्रता दिवस पर हमें उस मानवीय त्रासदी को याद करना चाहिए. स्वतंत्रता दिवस हमें उनकी याद दिलाता है, जिन्होंने इसकी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी.
भारत वैश्विक दक्षिण की मजबूत आवाज
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि नई दिल्ली जी-20 की अध्यक्षता के बाद से भारत वैश्विक दक्षिण की मुखर आवाज बनकर उभरा है. भारत ने मजबूत देशों के रूप में अपनी छवि मजबूत की है. भारत इस शक्ति का इस्तेमाल शांति और समृद्धि के विस्तार के लिए करना चाहता है.
खिलाड़ियों की सराहना
राष्ट्र की प्रथम महिला ने अपने संबोधन में आगे कहा कि पेरिस ओलंपिक में भारत ने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया. मैं खिलाड़ियों के परिश्रम की सराहना करती हूं. खिलाड़ियों ने युवाओं के प्रेरित किया है. भारत ने इस साल टी-20 विश्व कप जीता. शतरंज में भारतीय युग का आरंभ हुआ है. बैडमिंटन. टेनिस सहित अन्य खेलों के खिलाड़ियों ने वैश्विक मंच पर देश का नाम रौशन किया है.