भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक रणनीति ने हाल के दिनों में कई मोर्चों पर महत्वपूर्ण प्रगति की है. खासकर चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है. ये दोनों देश भारत के साथ अतीत में कई बार संघर्ष कर चुके हैं, और इन संघर्षों ने दोनों देशों के रिश्तों को बेपटरी कर दिया. लेकिन अब इन संबंधों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं.
चीन के साथ LAC विवाद सुलझाने के लिए एग्रीमेंट हो या फिर SCO सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर का पाकिस्तान जाना, यह संबंधों में नई गर्मजोशी भरने के संकेत है. चीन के साथ LAC एग्रीमेंट का ऐलान दोनों तरफ से हुआ. इस ऐलान ने 5 साल बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत की राह प्रशस्त हो गई, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर बुधवार को कजान में द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वहीं पाकिस्तान के साथ करतारपुर कॉरिडोर एग्रीमेंट को 5 साल के लिए आगे बढ़ाकर भारत और पाकिस्तान ने यह संकेत दिया है कि डॉक्टर एस. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा सिर्फ SCO तक सीमित नहीं रही है.
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चीन के साथ सीमा विवाद और पट्रोलिंग व्यवस्था
साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से जारी भारत चीन सीमा विवाद और सैन्य तनाव को कम कर डिसेंगेजमेंट और पेट्रोलिंग को लेकर एक महत्वपूर्ण सहमति बनी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में पट्रोलिंग की व्यवस्था पर समझौते के बारे में जानकारी दी. उनके अनुसार, यह समझौता उन क्षेत्रों में लागू होगा जो अब भी चर्चा के अधीन हैं. 2020 के पहले जैसी स्थिति में पट्रोलिंग और अन्य गतिविधियां और पशुओं की चराई, फिर से बहाल की जाएंगी. इस समझौते का उद्देश्य पिछले कुछ वर्षों से लंबित मुद्दों का समाधान करना है.
विदेश सचिव ने बताया समझौते को महत्वपूर्ण
विक्रम मिस्री ने इस समझौते को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि पहले हुए समझौतों को फिर से नहीं खोला गया है. यह चर्चा उन मुद्दों पर केंद्रित थी जो अभी तक लंबित थे, और समझौते के तहत अब इन पर ध्यान दिया जाएगा. इससे भारत और चीन के बीच सीमा पर स्थिरता कायम करने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
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इस बारे में विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर ने भी एक निजी चैनल के प्लेटफार्म पर कहा था कि सीमा पर स्थिति 2020 से पहले जैसी बहाल होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जो पहले से बने हुए समझौते हैं, उन्हें फिर से नहीं खोला गया है. इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य उन लंबित मुद्दों को सुलझाना था जो पिछले कुछ वर्षों से अटके हुए थे. डॉ. जयशंकर ने इस पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सीमा पर शांति स्थापित करना महत्वपूर्ण है और इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
पाकिस्तान के साथ कर्तारपुर साहिब कॉरिडोर समझौता
पाकिस्तान के साथ भी भारत के संबंधों में एक सकारात्मक पहल हुई है. भारत और पाकिस्तान के बीच कर्तारपुर साहिब कॉरिडोर के समझौते को पांच साल के लिए बढ़ाने पर सहमति बनी है. यह कॉरिडोर भारत के सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब, कर्तारपुर की यात्रा करने की सुविधा प्रदान करता है.
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24 अक्टूबर 2019 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसकी अवधि पांच साल के लिए थी. इसे अब और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे भारतीय तीर्थयात्रियों को इस पवित्र स्थल की यात्रा बिना किसी रुकावट के जारी रखने की सुविधा मिलेगी. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह तीर्थयात्रियों पर लगाए गए 20 अमेरिकी डॉलर के सेवा शुल्क को हटा दे, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपनी धार्मिक यात्रा कर सकें.
चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ भारत के रिश्तों में सुधार की यह दिशा न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे वैश्विक स्तर पर भी भारत की छवि को मजबूती मिलती है. जहां एक ओर चीन के साथ सीमा विवाद पर बनी सहमति से संघर्ष की संभावनाएं कम होंगी, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ धार्मिक यात्राओं के मामलों में सहमति से दोनों देशों के नागरिकों के बीच सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होंगी. जहां दुनिया में दो एक्टिव वॉर जारी है वहीं भारत अपने कूटनीतिक सफलताओं से शांति और विकास की नीति को और मजबूत करता दिख रहा है.