(रिपोर्ट: मधुरेंद्र)
Quad Summit 2024: क्वाड (Quad) शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी अमेरिका रवाना होने वाले हैं. इस मीटिंग पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं. क्वाड चार देशों का एक पावरफुल ग्रुप है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं. यह वर्ल्ड ऑर्डर को सुनिश्चित करने का एक खुला, स्वतंत्र, समावेशी और समृद्ध मंच है. यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. यह समूह प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर सामूहिक रूप से कार्य कर रहा है. आइए जानते हैं कि क्वाड में भारत की भूमिका कितनी अहम है.
क्वाड फॉरेन मिनिस्टर्स मीटिंग (QFMM)
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठकें 2019 से लगातार हो रही हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है. अब तक इन बैठकों में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है, जिसमें आपसी सहयोग से लेकर वैश्विक सुरक्षा तक के पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है. इन बैठकों ने क्वाड की सामूहिक शक्ति और क्षेत्रीय स्थिरता को और मजबूत किया है.
क्वाड लीडर्स समिट
2021 में क्वाड ने नेताओं के स्तर पर अपनी पहली शिखर बैठक का आयोजन किया. यह बैठक वर्चुअल थी, लेकिन इसके बाद क्वाड ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए नियमित रूप से इन-पर्सन और वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं. 2021 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित पहली इन-पर्सन बैठक ने तीन नए कार्य समूहों की घोषणा की, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस और साइबर शामिल थे. इसके साथ ही विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के लिए 100 फेलोशिप की घोषणा की गई, जो क्वाड देशों के छात्रों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करती है.
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प्रमुख कार्य समूह
क्वाड ने अपने कार्य को और अधिक व्यवस्थित और ठोस बनाने के लिए विभिन्न कार्य समूहों का गठन किया है, जो वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं:
1. जलवायु परिवर्तन: क्वाड जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सहयोग कर रहा है, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को समर्थन देने के लिए. इस दिशा में क्लीन एनर्जी, सप्लाई चेन और ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर जैसी पहल की गई हैं, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
2. महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां: क्वाड उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ा रहा है, जिससे 5जी नेटवर्क और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार हो सके. 2023 के शिखर सम्मेलन में ओपन RAN पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की गई, जो क्वाड देशों के बीच टेलीकॉम नेटवर्क की सुरक्षा और विविधता सुनिश्चित करेगा.
3. साइबर सुरक्षा: क्वाड साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. साइबर चुनौतियों को लेकर जागरूकता और साइबर बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए कई पहल की गई हैं. क्वाड ने साइबर सुरक्षा पर अपनी संयुक्त सिद्धांतों की घोषणा की है, जो साइबर खतरों से निपटने में सहायता करेंगे.
4. स्वास्थ्य सुरक्षा: क्वाड ने अपने वैक्सीन पार्टनरशिप को एक व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षा साझेदारी में विकसित किया है. इसका उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना है, खासकर COVID-19 महामारी के बाद.
5. बुनियादी ढांचा: क्वाड देशों ने क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने के लिए समन्वय किया है. क्वाड इन्फ्रास्ट्रक्चर फैलोशिप्स जैसी पहलें इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी.
6. अंतरिक्ष सहयोग: क्वाड अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा रहा है. यह पहल इंडो-पैसिफिक देशों को जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उपग्रह डेटा और विश्लेषण प्रदान करती है.
अन्य प्रमुख पहल
1. इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA): क्वाड देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने और अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए IPMDA की शुरुआत की है.
2. STEM फैलोशिप्स: यह फैलोशिप प्रोग्राम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के नेताओं को तैयार करने के लिए शुरू किया गया है. इसमें क्वाड देशों के छात्रों के साथ ही ASEAN देशों के छात्रों को भी शामिल किया जा रहा है.
क्वाड एक मजबूत क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो न केवल इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य संकट और आतंकवाद से भी निपटने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. 2024 और 2025 में क्वाड देशों द्वारा आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलनों से यह और स्पष्ट हो जाएगा कि यह गठबंधन आने वाले समय में विश्व व्यवस्था में क्या भूमिका निभाएगा.
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