Rahul Gandhi On Hindenburg Report: अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) पर खुलासे से खलबली मच गई है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज यानी रविवार को इस मसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने मोदी सरकार से तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि अगर निवेशकों की कमाई डूबी तो कौन जिम्मेदार होगा.’
उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पहले ट्विटर पर इसको लेकर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले प्रतिभूति विनियामक सेबी की ईमानदारी को उसके अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों ने गंभीर रूप से ठेस पहुंचाई है.’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मामले को गंभीर बताते हुए केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे. उन्होंने ये सवाल स्टॉक मार्केट के निवेशकों के नाम पर पूछे हैं. राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए महत्वपूर्ण सवाल हैं:
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सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
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अगर निवेशक की मेहनत की कमाई डूबी तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा- प्रधानमंत्री मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडानी?
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सामने आए नए और बेहद गंभीर आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिर से स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा?
राहुल गांधी यही नहीं रूके. उन्होंने पीएम मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया. राहुल गांधी ने कहा, ‘अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है.’ बता दें कि राहुल गांधी से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी हिंडनबर्ग मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरा था.
The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
- Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने एक्स पर लिखा, ‘SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के ख़ुलासों में Clean Chit दी थी. आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं.’ बात दें कि उन्होंने हिंडनबर्ग मामले की जेपीसी से जांच करवाए जाने की मांग भी की.
SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के ख़ुलासों में Clean Chit दी थी।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 11, 2024
आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं।
मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में…
उन्होंने आगे लिखा कि, ‘मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे SEBI में विश्वास करते हैं. जब तक इस महा-घोटाले में JPC जांच नहीं होगी, तब तक मोदी जी अपने A1 मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होती रहेंगी.’
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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या?
अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच पर अडानी ग्रुप के साथ मिले होने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में दावा किया है कि दोनों के पास गौतम अडानी के 'पैसे की हेराफेरी' में इस्तेमाल किए गए दो ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. हालांकि सेबी प्रमुख और अडानी ने आरोपों का खंडन किया है.
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