कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के नतीजों में बेहतर प्रदर्शन के बाद से ही अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं. इस जीत के बाद उन्हें लुटियंस में नया सरकारी बंग्ला भी आवंटित कर दिया गया है. उनका नया पता सुनहरी बाग है. यहां पर 5 नंबर बंग्ले में वह रहने वाले हैं. बीते कुछ दिनों से ये बंग्ला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. इस चर्चा के पीछे भी एक खास वजह है. दरअसल यह घर शुभ नहीं माना जाता है. जी हां आपने सही पढ़ा राहुल गांधी को जो नया सरकारी बंग्ला अलॉट हुआ है उसे रहने वाले लिए अशुभ माना जाता है.
क्या राहुल गांधी के बंग्ले की खासियत
राहुल गांधी के बंगले की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहां से संसद भवन की दूरी मात्र 500 मीटर है. राहुल गांधी चाहें तो इस बंगले से पैदल चलकर भी 5 से 10 मिनट में संसद भवन पहुंच सकते हैं. अगर वे दो पहिया, तीन पहिया या चार पहिया वाहन का उपयोग करते हैं, तो संसद भवन पहुंचने में केवल 2-3 मिनट का समय लगेगा.
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इसके अलावा इस बंगले के करीब उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन और सुनहरी बाग की ऐतिहासिक मस्जिद भी स्थित है. लेकिन सबसे खास बात यह है कि देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा अब राहुल गांधी के पड़ोसी होंगे.
क्यों अशुभ माना जाता है बंग्ला
इस बंगले की एक और दिलचस्प बात काफी चर्चा में रहती है. दरअसल इस बंग्ले में अब तक जो रहने आया ज्यादा टिक नहीं पाया. देश के 9 पूर्व केंद्रीय मंत्री इस बंग्ले में रहे चुके हैं. ज्यादातर केंद्रीय मंत्री इस बंगले में 5 साल से ज्यादा नहीं रुके.
तीन दिन पहले तक यह बंगला पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के कद्दावर बीजेपी नेता ए. नारायणस्वामी के पास था, लेकिन पिछला चुनाव हारने के बाद नारायणस्वामी ने यह बंगला खाली कर दिया.
ये लोग भी इस बंग्ले में रह चुके
नारायणस्वामी पिछली सरकार में वित्त राज्य मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं. इस बंगले में ज्यादातर दलित समुदाय से आने वाले नेता और मंत्री ही रहे हैं. देश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे भी इस बंगले में रह चुके हैं. इसके साथ ही जगदीश शेट्टार और सदानंद गौड़ा भी कुछ समय के लिए इस बंगले में रहे थे.
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बहरहाल यह बंगला न सिर्फ संसद भवन के पास है, बल्कि यह एक प्रमुख और प्रतिष्ठित स्थान पर स्थित है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है. राहुल गांधी का नया निवास स्थान उनके राजनीतिक करियर में एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है, जहां से वे अपने नए कार्यकाल की शुरुआत करेंगे और पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाएंगे.