पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल आरजी कर में मेडिकल कॉलेज घटना के तहत अपना इस्तीफा देने को लेकर कई बार उनके पास आए. मगर उन्होंने उसके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया. बलात्कार और हत्या के मामले में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ बैठक के बाद सीएम ने मीडिया से कहा, कमिश्नर कई बार इस्तीफा देने के लिए उनके पास आए. सप्ताह भर पहले भी वह इसी मामले में सामने आए थे. मगर दुर्गा पूजा का त्योहार है, जो शख्स प्रभारी होगा.
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उसे कानून और व्यवस्था के जुड़े मौजूदा हालात के बारे में पता होना चाहिए. कुछ और दिन धैर्य रखने में किसी तरह की बुराई नहीं है. प्रदर्शनकारी सभी को बदलने की मांग कर रहे हैं. वे पांच को बदल सकती हैं, मगर अन्य पांच को नहीं बदल सकती हैं.
नागरिक समाज की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा
शहर के पुलिस प्रमुख को विशेष रूप से राज्य की चिकित्सा बिरादरी और नागरिक समाज की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. प्रारंभिक जांच में सभी खामियों के तहत नैतिक आधार पर उनके इस्तीफे की मांग हो रही है. सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की उस शिकायत को खारिज किया. इसमें राज्य सरकार पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों को जरूरी सहयोग प्रदान न करने का आरोप लगाया था. सीआईएसएफ के जवानों को जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम की ओर से संचालित एक प्राथमिक विद्यालय और 30 बिस्तरों वाला एक अस्पताल की व्यवस्था है. इसके बाद उन्होंने सामुदायिक हॉल की मांग की. अगर मैं यह मांग पूरी कर दूं, तो उन लोगों का क्या होगा, जिनके लिए सामुदायिक हॉल तैयार किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को भी इस मामले में कुछ जिम्मेदारी लेनी ही चाहिए. सारा बोझ राज्य सरकार पर डालना चाहिए. बनर्जी के अनुसार, केंद्र सरकार का आरोप बिल्कुल गलत है. इस साजिश में केंद्र सरकार के साथ कुछ वामपंथी दल भी शामिल हैं.