North Koreans fighting in Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में जहां पश्चिमी देश यूक्रेन को समर्थन दे रहे हैं, वहीं रूस को कुछ देशों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहायता मिल रही है. हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने यह आरोप लगाया कि उत्तर कोरिया अपने नागरिकों को रूस की सेना की मदद के लिए भेज रहा है. यह घटना रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों को उजागर करती है. हालांकि, यह केवल उत्तर कोरिया तक सीमित नहीं है. वहीं रूस को अन्य देशों से भी सहायता प्राप्त हो रही है.
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रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच नजदीकियां बढ़ीं
आपको बता दें कि जेलेंस्की ने रविवार को अपने दैनिक वीडियो संदेश में बताया कि उत्तर कोरिया रूस की सेना को न केवल हथियार बल्कि मानव संसाधन भी मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा, ''हम रूस और उत्तर कोरिया जैसे शासन के बीच बढ़ते सहयोग को देख रहे हैं। यह अब केवल हथियारों के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर कोरिया के लोग रूसी सेना की मदद के लिए भेजे जा रहे हैं.''
वहीं आपको बता दें कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह संबंध तब सामने आया है जब इस साल जून में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक यात्रा की थी. यह पिछले दो दशकों में पहली बार था जब किसी रूसी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया का दौरा किया. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ, जिसके तहत अगर कोई भी देश बाहरी आक्रमण का शिकार होता है, तो दूसरा देश तुरंत सैन्य सहायता देगा.
उत्तर कोरिया का समर्थन का क्या है मकसद?
बता दें कि उत्तर कोरिया का रूस के प्रति समर्थन उसकी वैश्विक स्थिति को देखते हुए है. पश्चिमी देशों द्वारा आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर कोरिया के लिए रूस एक महत्वपूर्ण साझेदार है. दोनों देशों को पश्चिमी दुनिया द्वारा अलग-थलग कर दिया गया है और उनका उद्देश्य वैश्विक संतुलन में पश्चिमी प्रभाव का विरोध करना है. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रूस के युद्ध को उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा के रूप में समर्थन किया है.
साथ ही बता दें कि उत्तर कोरिया के अलावा, बेलारूस भी रूस के प्रमुख समर्थकों में शामिल है. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको ने रूस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को जारी रखा है और बेलारूस रूस के सैन्य अभियानों के लिए रणनीतिक सहयोग और रसद सहायता प्रदान करता रहा है. बेलारूस का भू-राजनीतिक स्थान रूस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उसे यूक्रेन पर हमला करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करता है.
ईरान और चीन के बीच जारी है प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष का समर्थन
इसके अलावा, ईरान भी रूस को सैन्य उपकरणों और ड्रोन की आपूर्ति करके सहायता कर रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ईरानी ड्रोन ने यूक्रेन में रूसी हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ईरान और रूस के बीच यह सैन्य सहयोग उनके आपसी राजनीतिक हितों पर आधारित है, जिसमें दोनों ही पश्चिमी प्रभुत्व का विरोध करते हैं. बता दें कि चीन हालांकि रूस को प्रत्यक्ष सैन्य सहायता नहीं दे रहा है, लेकिन वह रूस को कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहा है. चीन ने अब तक यूक्रेन संघर्ष में तटस्थता का रुख अपनाया है, लेकिन उसकी रूस के साथ व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध मजबूत बने हुए हैं.