Sambhal Jama Masjid Survey controversy: संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर स्टे लग गया है. इस बात को लेकर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब सर्वे पर रोक नहीं है और न ही सर्वे रिपोर्ट पेश करने पर.
जिस संवेदनशील मामले में 5 लोगों की जान चली गई और 20 से ज्यादा पुलिस के जवान घायल हो गए, उस मामले में एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद कमेटी, हाई कोर्ट का रास्ता अपनाएं. तीन दिन के अंदर हाई कोर्ट इस मामले को लिस्टिंग करेगी और फिर वह तय करेगी कि ट्रायल कोर्ट का क्या होना है. तब तक ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रुकी रहेगी.
#WATCH दिल्ली: संभल विवाद मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद समिति से हाईकोर्ट जाने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक वे हाईकोर्ट नहीं जाते और मामला सूचीबद्ध नहीं हो जाता, तब तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक… pic.twitter.com/yfJxwpvJF1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2024
'लिमिटेड स्टे है पूर्ण स्टे नहीं'
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इसका मतलब लिमिटेड स्टे है और कोर्ट कमिश्नर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने से भी नहीं रोका है, बस वह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में होगी. वैसे भी ट्रायल कोर्ट में अगली पेशी 8 जनवरी लगी है तो उससे पहले हाई कोर्ट कोई न कोई निर्णय ले ही लेगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब पूर्ण स्टे नहीं है.
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जामा मस्जिद के सर्वे पर हुआ था जमकर बवाल
दरअसल, संभल की जामा मस्जिद के बारे में दावा किया गया था कि वहां हरिहर मंदिर रहा है. संभल कोर्ट में इस बात को साबित करने के लिए याचिका दायर की गई थी. संभल की ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 19 नवंबर को सीनियर डिवीजन के सिविल जज ने सुनवाई की और सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया.
उसी दिन एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के लिए पहुंच भी गए. इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के लिए टीम पहुंची तो जमकर बवाल मचा. उस दिन उग्र होकर लोगों ने हिंसा की वारदात को अंजाम दिया जिसमें 5 लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए. इतने बवाल के बाद मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट न जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया जिसमें शुक्रवार को सुनवाई हुई और मामले की यथास्थिति को रखने का फैसला आया है.
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कौन हैं एडवोकेट विष्णु शंकर जैन
बता दें कि एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, अपने पिता के साथ मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस, शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद केस, कुतुब मीनार परिसर विवाद और ताजमहल विवाद से जुड़े कई मामलों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं.
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