Sambhal Jama Masjid: संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष ने इस बारे में याचिका दायर की थी. मामले में सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि हमने आदेश देखा है. वर्तमान में हम इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. मस्जिद कमेटी को अपने कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल का मौका मिलना चाहिए फिर चाहे जिला कोर्ट से हो या फिर हाई कोर्ट से.
Supreme Court orders the trial court to not proceed with the case till the Shahi Idgah committee of Sambhal mosque moves the High Court. pic.twitter.com/TEURMPTGq4
— ANI (@ANI) November 29, 2024
जानें क्या बोले सीजेआई
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला हमारे पास लंबित है. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में शांति बरकरार रहे. जिला कोर्ट मेडिएशन पर भी विचार कर सकता है. सीजेआई ने कहा कि अगर मस्जिद कमेटी सिविल जज के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करती है तो तीन दिन में उसे सुनावई के लिए लगाया जाएगा. याचिका को गम फिलहाल लंबित रख रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि छह जनवरी के बाद से हम केस को लिस्ट करेंगे. ट्रायल कोर्ट अभी कार्रवाई न करें. कमिश्नर रिपोर्ट सीलबंद ही रखी जाए.
मस्जिद कमेटी ने याचिका में कही यह बात
मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि 19 नवंबर को मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया. संभल कोर्ट में इस दावे की याचिका दायर की गई. उसी दिन सीनियर डिविजन के सिविल जज ने सुनवाई की. मस्जिद समिति का पक्ष सुने बिना अदालत ने सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया. 19 नवंबर की शाम को ही एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के लिए पहुंच भी गए. 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के लिए टीम पहुंची. सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि लोगों को कुछ समझ नहीं आया. वे अपने घरों से इसी वजह से बाहर निकले. इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और हिंसा भड़क गई.