आगामी वर्ष 2025 में संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है. दो दिवसीय बैठक में इस समारोह से संबंधित मुद्दों और प्रारूपों पर भी विस्तार से चर्चा होगी. पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, स्व आधारित जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य) को समाज में लेकर जाने पर मंथन होगा. बैठक में विस्तृत योजना पर भी विचार-विमर्श किया गया।
इंटरनेट के दुष्प्रभावों पर मंथन पर विचार
संघ की इस बैठक में देश के मौजूदा सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर भी गंभीरता से चर्चा की गई इनमें खासतौर पर सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने के उपायों पर भी विमर्श किया जाएगा. वहीं सामाजिक समरसता पर संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ चर्चा किया। खासकर हिन्दू समाज को एकजुट रखने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के मुद्दे पर चर्चा होगी.
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गांव-गांव शाखा विस्तार पर चर्चा शाखा के बढ़ाव पर विशेष जोर
संघ द्वारा पहले से चलाए जा रहे कार्यक्रम “मंदिर, जलस्रोत और श्मशान सबके लिए” को धार देने पर चर्चा होगी. हिंदू समाज को एकत्रित रखने के लिए समाज के सभी वर्गों के बीच जाकर जल, मंदिर और श्मशान को लेकर भेदभाव खत्म करने पर कैंपेन को तेज गति से चलाने पर चर्चा की गई। वहीं शहरों और कस्बों से आगे ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा बढ़ाने को लेकर गतिविधियों पर मंथन होगा.
मथुरा संघ बैठक में संघ रचना के सभी 11 क्षेत्रों और 46 प्रांतों के संघचालक, सह-संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक सहित कुल 393 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं. जम्मू-कश्मीर, केरल और पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा जैसे प्रांतों से भी कार्यकर्ता शामिल हुए है.