Sharad Pawar Z Plus Security: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले, केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) प्रमुख शरद पवार को 'जेड प्लस' सुरक्षा देने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया है. समीक्षा के बाद 83 वर्षीय शरद पवार को सशस्त्र वीआईपी सुरक्षा कवर की उच्चतम श्रेणी की सिफारिश की गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को पवार की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा है.
इस काम के लिए 55 सशस्त्र सीआरपीएफ कर्मियों की एक टीम को नियुक्त किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षा के लिए जेड प्लस कवर दिया है, उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ की एक टीम इस कार्य को संभालने के लिए पहले से ही महाराष्ट्र में है.
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The Central government has accorded 'Z+' category Central Reserve Police Force armed VIP security cover to NCP (SP) chief Sharad Pawar.
— ANI (@ANI) August 21, 2024
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खतरे के आकलन की समीक्षा के बाद की गई सिफारिश
बता दें कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा में पवार को मजबूत सुरक्षा कवर देने की सिफारिश की गई है. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग द्वारा सुरक्षा के लिए जेड प्लस कवर दिया है. इस सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने के लिए सीआरपीएफ की एक टीम पहले ही महाराष्ट्र आ चुकी है. वीआईपी सुरक्षा कवर को उच्चतम स्तर, Z+, उसके बाद Z, Y+, Y और X में वर्गीकृत किया गया है.
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कब शुरू हुआ शरद पवार का राजनीतिक सफर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक और अध्यक्ष शरद पवार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. उसके बाद वह सरकार में कई प्रमुख पदों पर रहे. उनका राजनीतिक करियर 1967 में शुरू हुआ, जब वह पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए. विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य किया. साल 1978 में वह पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.
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वह अपने पूरे करियर में तीन बार (1978-80, 1983-91 और 1993-95) राज्य के मुख्यमंत्री रहे. इसके साथ ही वह छह बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्रालय समेत कई पदों पर काम किया है. साल 1999 में उन्हों कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया, उसके बाद उन्होंने अपनी खुद की पार्टी एनसीपी का गठन किया.