बांग्लादेश बीते कई दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है. बवाल, तोड़फोड़ और आजनी के बीच बांग्लादेश के हालात अब ऐसे बन गए हैं कि संभाले भी नहीं संभल पा रहे. इस बात का अंदाजा तो इससे लगाया जा सकता है कि शेख हसीना की सुरक्षा के लिए उन्हें अपना ही देश छोड़ना पड़ा और बताया जा रहा है कि भारत उन्हें शरण देने को तैयार है. लेकिन क्या भरोसा है कि भारत में आने के बाद बांग्लादेश की हालत सामान्य हो जाएंगे या फिर बांग्लादेश ही कहीं भारत के लिए टेंशन ना बन जाए?
100 लोगों से ज्यादा के लोगों की मौत हो चुकी
बांग्लादेश में हिंसा इतनी बढ़ गई कि करीबन 100 लोगों से ज्यादा के लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कम से कम एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी और कई पत्रकार भी शामिल हैं. हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने राजधानी ढाका समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं और साथ ही देश भर में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू भी लगाया गया है. अब इस बीच हर किसी की नजरें भारत की तरफ है क्योंकि उसकी वजह है शेख हसीना का भारत आना. सिर्फ शेख हसीना ही नहीं बल्कि तनाव और हिंसक स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश के लोग भी भारत में शरण लेने की तरफ आ सकते हैं. शरण के लिए भारत भी पूरी तरह से तैयार नहीं होगा और इसी वजह से बॉर्डर पर बीएसएफ लगातार एक्शन मोड में है.
किसी को भी अवैध तरीके से आने की अनुमति नहीं
किसी को भी अवैध तरीके से आने की अनुमति नहीं है. अब ऐसे में बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम में भी तनाव की स्थिति बन सकती है. भारत के लिए इस समय सबसे ज्यादा टेंशन की बात तो ये है कि शरणार्थियों को अगर भारत में जगह मिलती है तो उससे आबादी में फर्क पड़ेगा और फिर उनकी नागरिकता पर हमेशा के लिए सवाल रहेगा. इतना ही नहीं इस बीच घुसपैठियों की संख्या भी पिछले रिकॉर्ड में रही है.
2021 में भारत में घुसपैठ करते हुए करीब 2951 लोगों को पकड़ा गया था
आपको बता दें कि साल 2021 में भारत में घुसपैठ करते हुए करीब 2951 लोगों को पकड़ा गया था. इनमें से 2000 से ज्यादा बांगलादेशी और 58 रोहिंग्या शामिल थे. तो वही साल 2022 में भी बीएसएफ ने 2966 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 1951 बांग्लादेशी और 79 शामिल थे. इसलिए भारत के लिए ये टेंशन हमेशा रहेंगी और यही वजह है कि घुसपैठियों को रोकने के लिए भारत सरकार लगातार बॉर्डर पर गश्त को बढ़ाती है और सेना हमेशा बॉर्डर पर एक्शन मोड में रहती है.