Sukhbir Singh Badal: शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल को 3 दिसंबर, 2024 को बड़ी सजा सुनाई गई है. अकाली दल की सरकार के दौरान राम रहीम को गलत तरीके से बचाने को लेकर सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. इस गलती की वजह से उन्हें धार्मिक सजा सुनाई गई है. यह सजा श्री अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों की बैठक में सुनाई गई. बता दें कि सुखबीर सिंह बादल पहले ही तनखैया घोषित किए जा चुके थे. इस बैठक में सुखबीर सिंह बादल के साथ ही अन्य शिरोमणि अकाली दल के नेताओं को भी सजा सुनाई गई है.
सुखबीर सिंह बादल को मिली धार्मिक सजा
सजा के अनुसार, सोमवार से ही सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर में दोपहर 12 से 1 बजे तक शौचालय साफ करेंगे. उसके बाद लंगर हॉल में जाकर जूठे बर्तन साफ करेंगे. बर्तन धोने की सेवा करने के बाद 1 घंटे के लिए कीर्तन करेंगे. गोल्डन टेंपल में सजा पूरी करने के बाद सुखबीर सिंह बादल श्री केसगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब, श्री मुक्तसर साहिब, श्री फतेहगढ़ साहिब में भी अपनी सेवा देंगे.
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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि साल 2007 में बाबा राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह की परंपरा का पालन करते हुए उनकी तरह ही पोशाक पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था. इससे लोगों की धार्मिक आस्था आहत हुई थी और राम रहीम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. बावजूद इसके उस समय राज्य में अकाल दल की सरकार थी, उसने राम रहीम को सजा दिलाने की जगह केस बंद करवा दिया था. जिसके बाद अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम पर एक्शन लेते हुए उसे सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था.
स्वर्ण मंदिर में शौचालय और जूठे बर्तन करेंगे साफ!
सुखबीर सिंह बादल ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और राम रहीम को माफी दिलवा दी थी. उस समय सुखबीर सिंह बादल पंजाब के डिप्टी सीएम थे. सुखबीर सिंह बादल के इस काम पर अकाल तख्स साहिब ने नाराजगी जाहिर करते हुए राम रहीम को माफी देने के फैसले को वापस ले लिया था और उनके खिलाफ कमेटी का गठन किया गया था. यहां तक कि श्री अकाल तख्त ने पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को दिए गए सम्मान फख्र ए कौम पुरस्कार वापस ले लिया क्योंकि उस समय वह सीएम थे और उनके रहते हुए में यह काम किया गया.