Sitaram Yechury: सीताराम येचुरी का नहीं होगा दाह संस्कार, परिवार ने लिया ये बड़ा फैसला

Sitaram Yechury Funeral: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के नेता सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. पार्टी मुख्यालय में लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. उसके बाद उनके शव को दिल्ली एम्स के लिए भेज दिया जाएगा.

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Suhel Khan
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Sitaram Yechury death
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Sitaram Yechury Funeral: सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया. 72 वर्षीय येचुरी पिछले 23 दिनों से दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे. वह सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित थे. उनके परिजनों के मुताबिक, येचुरी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. हालांकि उनके पार्थिक शरीर को जनता के दर्शन के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मुख्यालय में रखा जाएगा. जहां लोग 14 सितंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक उनके दर्शन और श्रद्धांजलि दे सकेंगे. उसके बाद उनका पार्थिव शरीर दिल्ली एम्स में रिसर्च और शिक्षा के उद्देश्य से भेज दिया जाएगा. परिवार ने उनके शरीर को दिल्ली एम्स में दान करने का फैसला लिया है.

दिल्ली एम्स में दान किया शरीर

बता दें कि 72 वर्षीय सीताराम येचुरी का दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है. इलाज के दौरान गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके निधन के बाद उनके परिजनों ने दिल्ली एम्स को उनका शरीर दान कर दिया. बता दें कि सीताराम येचुरी को 19 अगस्त से दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्हें निमोनिया संबंधी बीमारी के चलते एम्स लाया गया था. उनके सीने में संक्रमण की शिकायत थी. इलाज के बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला. उसके बाद उन्हें आईसीयू शिफ्ट किया गया. जहां डॉक्टरों की विशेष टीम उनका ध्यान रख रही थी. मगर कुछ दिनों से उनकी तबियत लगातार बिगड़ती चली गई.

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कैसे होता है दान किए गए शरीर का रिसर्च में इस्तेमाल

बता दें कि बहुत से लोग अपने जिंदा रहते ही अपने शरीर को दान कर देते हैं. शव को दान करना निस्वार्थ कार्य माना जाता है. इससे मेडिकल जगत को फायदा होता है. जिससे शव के ऊपर नए तरह से रिसर्च की जा सकती है. मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मानव शरीर की रचना को और बेहतर ढंग से समझने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही सर्जन ऑपरेशन की नए तरीकों की भी खोज कर सकते हैं. साथ ही पहले से पता तरीकों को और अच्छे से करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं. यही नहीं कई बार वैज्ञानिक ऐसे शव की मदद से नए-पुराने रोगों की पहचान भी करते हैं. साथ ही इसके बारे में और भी जानकारी जुटाई जा सकती है.

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