मॉनसून के इस सीजन में जिन इलाक़ों में मूसलाधार बारिश हो रही है वहां के लोगों के लिए ये आसमानी आफत जान पर भारी है. कहीं लोग अपने घरों में फंसे हैं तो कहीं नदी नाले या पहाड़ पर उनकी जान अटकी है.ऐसे में सैलाब के तांडव से उनकी डूबती जिंदगी बचाने का बीड़ा उठाया है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स ने इन इलाकों में मोर्चा संभाला है.जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात,महाराष्ट्र तक देश के कई राज्यों में आसमानी आफत ने कोहराम मचा रखा है.
कहीं, सैलाब ने लोगों की जिंदगी पर अपने गांव-घरों में ही ग्रहण लगा दिया है तो कहीं धार्मिक स्थल या पर्यटन के लिए गए लोग लहरों की गिरफ्त में अपनी सांसें बचाने के लिए भारी जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसी तूफानी आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगे जवान ऐसे लोगों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं....जो शैतानी लहरों से भारी संघर्ष कर सैलाब के चंगुल में बुरी तरह फंसे लोगों को दोबारा जिंदगी दे रहे हैं. इस काम में कभी NDRF, SDRF के जवान तो कभी पुलिस और फायरब्रिगेड के जवान जान की बाजी लगा कर लोगों की प्राण रक्षा कर रहे है. शख्स को तूफानी लहरों ने किस तरह लील लिया है, जिसमें इसका बचना बेहद मुश्किल लग रहा है,....
उफनती लहरों में घिरे कांवड़िए
हरिद्वार के कांगड़ा घाट पर जहां गंगा के उफान में दो कांवड़िए बुरी तरह फंस गए, उफनती लहरें इन्हें तेजी से बहाती ले जा रही हैं.जिंदगी के लिए छटपटाते इन कांवड़ियों का तूफानी वेग से बहते पानी पर कोई जोर नहीं चलता, लेकिन आफत की इस घड़ी में SDRF के दो जवान अपनी जान की बाजी लगा दी, इन्हें बचाने के लिए हाहाकारी लहरों में कूद गए,.आसपास मौजूद लोगों की भीड इस खौफनाक मंजर को देख रही थी.रेस्कयू करना बेहद मुश्किल था..लेकिन जवानों के हौसले और जज्बे ने आखिरकार जिंदगी की जंग जीत ली और कुछ ही देर बाद मौत की आगोश से छीन कर इन्हें दूसरा जीवन दिया.
कैंचीधाम के पास फंसे पर्यटक
पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद नदियों में आया उफान नैनीताल में इन पर्यटकों के लिए जान की मुसीबत बन गया... नैनीताल के कैंचीधाम के पास बहने वाली नदी किनारे गए चार लोग इसके अचानक आए तेज प्रवाह के बीच फंस गए
पानी का बहाव इतना तेज था कि किसी का भी वहां टिक पाना लगभग नामुमकिन था. प्रशासन और SDRF की टीम जब इन्हें बचाने के लिए उतरी तो उफनदी नदी के बीच फंसे इन लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद कठिन था,...लिहाजा अधिकारियों ने पहले इलाके का मुआयना किया फिर ड्रोन से हवाई सर्वे किया गया. काफी तलाश के बाद सही जगह पर नदी की दोनों तरफ़ रस्सी बांधी गई और फिर एक-एक करके लोगों का रेस्क्यू शुरू हुआ. नदी में बहते लोगों ने रस्सी थाम रखी थी,जिसके बाद उन्हें बेहद मुश्किल से खींच कर बाहर निकाला गया..जवानों ने करीब तीन घंटे से ज्यादा की मशक्कत के बाद इन चारों लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाबी हासिल की ..
सैलाब के खतरे में लोगों की जान
गुजरात के द्वारका में मूसलाधार बारिश की वजह से पनेली गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया. हालत ये हो गई कि बचाव के लिए NDRF की टीम भी वहां फंस गई,.
जान बचाने उतरा सेना का हेलीकॉप्टर
ऐसे में एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से बाढ़ में फंसे लोगों के साथ ही NDRF टीम का भी रेस्क्यू किया गया. NDRF की टीम इन फंसे हुए लोगों के लिए आसमान से उतरे किसी फरिश्ते की आई. जिसके लिए हिलीकॉप्टर काफी नीचे आया, जिस पर से रस्सी गिराई गई,..जिसे पकड़ कर लोगों को अपलिफ्ट किया गया.
गुच्चूपानी का खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन
इस महीने की शुरुआत में ही टोंस नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने की वजह से इस नदी के पास फंसे 10 सैलानी की जान पर बन आई थी,...लेकिन SDRF ने पेशेवर तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर इन सैलानियों को उफनती धारा से रस्सी के सहारे बचाया और इन्हें नई जिंदगी दी...महाराष्ट्र का पुणे इस वक्त मौसम की सबसे बड़ी मार झेल रहा है. शहर की गलियों से हाते हाहाकारी सैलाब लोगों के घरों में प्रवेश कर चुका है,...हालत ये हो गई है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पुणे में सेना को भी उतारा गया है. यहां उफनते सैलाब के बीच जिंदगी बचाने की जंग जारी है. निंबज नगर, डेक्कन जिमखाना और सिंहगढ़ रोड सहित कई इलाके बाढ़ में डूबे हुए हैं. लोग घरों में कैद होकर रह गए,...ऐसे में पुणे की फायर ब्रिगेड टीम NDRF के साथ मिलकर राहत-बचाव अभियान चला रही है. इलाकों में बचाव राहत अभियान शुरू किया और बाढ़ में फंसे 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
यही हाल गुजरात के सूरत और नवसारी का है जहां कई रिहायशी इलाक़ों में घुसा पानी कोहराम मचा रहा है. 7-8 फीट तक पानी भरे फ्लैट की खिड़कियों से लोग बचाव की गुहार लगा रहे हैं. यहां NDRF की मदद से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू चलाया जा रहा है.
मध्य प्रदेश में भी बारिश से बिगड़े हालात
झमाझम बारिश के इस दौर में मध्य प्रदेश के छतरपुर में दर्जनों लोग धसान नदी में आई बाढ़ की चपेट में फंस गए.
नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने से करीब 59 लोग नदी के बीच टापू में फंस गए, जिसके बाद प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें एक्टिव हुईं, और फंसे हुए सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया. ये सभी शिवनाथ नदी में आई बाढ़ की चपेट में आ गए थे. NDRF की टीम ने मोटरबोट में बिठाकर इन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया. मॉनसून के इस आफतकाल में अगर प्रशिक्षित बचाव टीमें ना हो तो जानलेवा सैलाब से सैकड़ों जिंदगियों को खत्म होने से बचाना मुश्किल है. मुसीबत के वक्त लोगों की जिंदगी बचाने वाले ये जवान किसी देवदूत से कम नहीं.