आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिल गया है. श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता अनुराग कुमार दिशा नाइके को जीत मिल गई है. अल जजीरा के मुताबिक चुनाव आयोग ने उनकी जीत की घोषणा कर दी है. वे जल्द ही राष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं. वे देश के 10वें राष्ट्रपति होंगे और मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे की जगह लेंगे. ऐसे में सवाल यह है कि अनुराग कुमार दिशा नाइके का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए कितना बड़ा खतरा है. चलिए इस खबर में जानते हैं.
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अनुराग कुमार दिशा नाइके ने श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की
इस साल फरवरी महीने में अनुराग कुमार दिशा नाइके जब भारत आए थे तो किसी ने शायद ही सोचा था कि करीब सात महीने बाद वह श्रीलंका के राष्ट्रपति बनेंगे. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुलाकात पर खुशी जताते हुए अपने एक्स पोस्ट में लिखा था कि दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंध हों और इससे गहरे करने पर अच्छी बातचीत हुई है. अब 22 सितंबर को आए नतीजों में वामपंथ नेता अनुराग कुमार दिशा नाइके ने श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर ली है. श्रीलंका में 21 सितंबर को चुनाव हुए थे. श्रीलंका के चुनावी इतिहास में यह पहली बार हुआ जब किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिले. इसके बाद दूसरे राउंड की गिनती कराई गई. श्रीलंका की वेबसाइट डेली मिरर के मुताबिक पहले राउंड में अनुराग दिशा नाइके को करीब 42.3 प्रतिशत जबकि दूसरे को 32.8 और तीसरे उम्मीदवार को 17.3 प्रतिशत वोट मिले थे.
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मालदीव में मोहम्मद मोइज्जू की चीन परस्त सरकार बनी
भारत के लिए चिंता बढ़ गई है, जिस तरह से मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु भारत विरोधी अभियान चलाकर सत्ता पर काबिज हुए. कुछ उसी तरह अनुराग कुमार भी हैं. माना जाता है कि अनुराग कुमार चीन समर्थक नेता हैं. चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने जनता से वादा किया है कि वह भारत के साथ चल रहे कई प्रोजेक्ट्स को बंद कर देंगे. दरअसल भारत के लिए चीन सबसे बड़ी समस्या है. वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी मौजूदा समय में पाकिस्तान समर्थक सरकार बनी है. पाकिस्तान खुद चीन परस्त मुल्क है. इसके अलावा मालदीव में मोहम्मद मोइज्जू की चीन परस्त सरकार बनी है. अब भारत के एक और पड़ोसी देश श्रीलंका में भी मार्क्सवादी सरकार बनने जा रही है.
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क्या भारत के लिए दिशा नाइके चुनौती बनेंगे?
अब राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अनुराग कुमार दिशा नाइके के सामने आर्थिक संकट भ्रष्टाचार और जातीय तनाव जैसी घरेलू चुनौतियां तो हैं ही साथ ही यह भी देखना होगा कि वह श्रीलंका की विदेश नीति को किस दिशा में आगे ले जाते हैं और भारत के साथ संबंध कैसे होते हैं. भारत में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी को दक्षिण पंथी विचारधारा का माना जाता है जबकि अनुराग कुमार दिशा नायक के वामपंथी विचारधारा से हैं. अक्सर वामपंथी सरकारों को वैचारिक रूप से चीन के करीब माना जाता है. ऐसे में क्या भारत के लिए दिशा नाइके चुनौती बनेंगे.