Independence Day 2024 Special: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर आयोजित समारोह में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति ने सोशल मीडिया पर खासा ध्यान खींचा. इस बार चर्चा उनकी भाषण या उपस्थिति से ज्यादा उनके बैठने की जगह को लेकर हो रही है. दर्शक दीर्घा में सफेद कुर्ता-पायजामा पहने राहुल गांधी की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं, जहां उन्हें अपेक्षाकृत पीछे की पंक्ति में बैठे हुए देखा गया. सोशल मीडिया यूजर्स इसे लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि विपक्ष के नेता को इस तरह पीछे क्यों बिठाया गया.
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और प्रतिक्रियाएं
आपको बता दें कि जैसे ही राहुल गांधी की तस्वीरें वायरल हुईं, सोशल मीडिया यूजर्स ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे अपमानजनक करार दिया. कई लोगों ने कहा कि विपक्ष के नेता के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. ट्विटर पर कई लोग इसे राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम बता रहे हैं. वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे सरकार की छोटी मानसिकता का प्रतीक बताया.
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP Rahul Gandhi arrives at the Red Fort for India's 78th #IndependenceDay celebrations.
— ANI (@ANI) August 15, 2024
Prime Minister Narendra Modi is set to deliver his 11th Independence Day address, from the ramparts of the Red Fort this morning. pic.twitter.com/GQwUNSzZl5
यह भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस पर CM योगी ने दिया ये खास संदेश, बांग्लादेश के हालात का भी किया जिक्र
रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई
बता दें कि मामले पर उठे विवाद के बीच, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में बैठाने के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शुरुआती पंक्तियां विशेष रूप से ओलंपिक पदक विजेताओं और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों को आवंटित की गई थीं. मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, आमतौर पर विपक्ष के नेता को सामने की पंक्तियों में सीट दी जाती है, लेकिन इस बार विशेष परिस्थितियों में ऐसा नहीं हो सका.
राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, जो 233 सांसदों का नेतृत्व कर रहे हैं और 24 करोड़ के क़रीब भारतीयों ने इनको वोट दिया है,#राहुल_गाँधी भारतीयों की आवाज़ हैं ।
— Singh (@Jago1274) August 15, 2024
लेकिन
आज लाल किले पर उन्हें सभी के पीछे दूसरी पंक्ति में सीट दी गई।#RahulGandhi a #VoiceOfIndia pic.twitter.com/llNjJVQBvu
10 साल बाद विपक्ष के नेता की उपस्थिति
वहीं आपको बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के बीच, एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पिछले 10 वर्षों से लोकसभा में विपक्ष का नेता पद खाली था. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में किसी भी विपक्षी दल के पास इतनी सीटें नहीं थीं कि वे यह पद प्राप्त कर सकें. हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी को 99 सीटें मिलीं, जिसके बाद 25 जून 2024 को राहुल गांधी को विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया. इस तरह, 10 साल बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह में विपक्ष के नेता की उपस्थिति देखी गई, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना थी.
सीटिंग विवाद से राजनीतिक माहौल गर्म
बहरहाल, इस विवाद ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में सीटिंग अरेंजमेंट जैसे मामूली दिखने वाले मुद्दों पर भी राजनीतिक दलों के बीच तनाव को उजागर कर दिया है. जबकि सरकार की ओर से इसे सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला बताया जा रहा है, विपक्ष इसे अनदेखी और अपमान के रूप में देख रहा है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच और बहस हो सकती है.