जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी से पहले सुरक्षा एजेंसियों को घुसपैठ के इनपुट मिल रहे हैं, जिसके बाद IB से लेकर LoC तक बॉर्डर प्रोटेक्शन ग्रिड को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है. सुरक्षा एजेंसियों के पास इस तरह के पहले से इनपुट हैं कि बॉर्डर पार लॉन्च पैड पर 150 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं, जो छोटे-छोटे समूहों में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं. पिछले कई सालों में देखा गया है कि सर्दियां आते ही बॉर्डर पार आतंकियों की गतिविधियां तेज हो जाती हैं. पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन, खासतौर पर लश्कर और जैश, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ की साजिश रचते हैं.
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BSF और सेना बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही है
दरअसल, नवंबर और दिसंबर के महीने में जम्मू-कश्मीर के LOC से सटे ज्यादातर इलाकों में बर्फबारी हो जाती है, जिसके बाद आतंकियों के लिए घुसपैठ करना नामुमकिन हो जाता है. ऐसे में आतंकी उससे पहले ही घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल होने की फिराक में रहते हैं. यही कारण है कि सुरक्षा बल इस समय पूरी सुरक्षा ग्रिड को सक्रिय कर देते हैं ताकि आतंकियों का बॉर्डर पर ही खात्मा किया जा सके. यही वजह है कि BSF और सेना बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही है.
घुसपैठ रोकने के लिए हर जगह निगरानी
हाल ही में BSF के कश्मीर जोन के IG अरुण यादव ने जानकारी दी थी कि बॉर्डर पार 150 से ज्यादा आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट सुरक्षा बलों के पास हैं. इसे देखते हुए BSF ने सेना और अन्य सभी एजेंसियों के साथ मिलकर बॉर्डर डोमिनेशन प्लान तैयार किया है. ऐसे ताजा इनपुट के बाद अब बॉर्डर ग्रिड घुसपैठ रोकने के लिए हर जगह निगरानी रख रहा है. जम्मू फ्रंटियर के IG डीके बोरा ने भी सर्दियों के मद्देनजर राजौरी का दौरा किया है. उन्होंने साफ कहा है कि यदि कोई भी आतंकी घुसपैठ की कोशिश करता है तो वहीं मारा जाएगा और अगर कोई अंदर आने में कामयाब भी होता है तो उसे कैसे खत्म करना है, इसके लिए भी सुरक्षा बलों का घेरा तैयार है.
बोरा के अनुसार, ड्रोन जैसे खतरों से निपटने के लिए भी सुरक्षा बलों के पास वह तकनीक मौजूद है जो ड्रोन से होने वाली साजिशों को भी नाकाम कर देगी. ऐसे में पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन भले ही सर्दियों से पहले किसी भी तरह की साजिश करें, सुरक्षा बल उनकी सभी साजिशों को नाकाम करने की रणनीति बना चुके हैं.