देश में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है. रोजाना किचन में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दाम में 15 से 58 प्रतिशत की बढ़त हुई है. कीमतों में इजाफा होने के पीछे कई कारण हैं. पहला और सबसे अहम कारण है- मानसून. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि स्थिति अस्थाई है. जल्द ही कीमतें नियंत्रित हो जाएंगी. पहले जानते हैं सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण…
संसद में हाल ही में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था. इसमें सरकार ने सब्जियों की बढ़ती हुई कीमतों की वजह बताई. उन्होंने बताया कि पिछले दो साल से खराब मौसम है, जलाश्यों का जल स्तर घटता जा रहा है. फसलों का नुकसान हो रहा है. इसी वजह से कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही है. खराब मौसम के कारण सब्जियों-दालों का उत्पादन प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट में सामने आया कि साल 2023-2024 में खराब मौसम की कई घटनाएं हुईं हैं. इससे सबसे अधिक नुकसान फसलों को हुआ है. सर्वे रिपोर्ट में बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के वजह से खाद्य सामान के दाम बढ़ रहे हैं. फसलों को रोग होना भी एक अहम कारण है. टमाटर सहित अन्य सब्जियों के दाम इसी वजह से प्रभावित हुए हैं.
टमाटर की हिमाचल से होती है सबसे ज्यादा आपूर्ति
प्रचंड गर्मी और बारिश न होने की वजह से भी फसलें जल के खराब हो गईं. आजादपुर मंडी के थोक विक्रेता भगत का कहना है कि अधिकतर टमाटर हिमाचल से मंगाए जाते हैं. वहां इस बार फसलें सूख गई. क्योंकि, बारिश हुई नहीं और गर्मी खूब पड़ी. इस वजह से काफी अधिक पौधे सूख गए. सब्जियों की कीमतों से घर का बजट भी बिगड़ा हुआ है. एक महिला ने बताया कि मैं अब सिर्फ सीमित मात्रा में ही सब्जियां खरीद रही हूं. जिनकी बहुत अधिक जरूरत है. वहीं, एक अन्य युवक ने बताया कि पहले 200-300 रुपये में सप्ताह भर की सब्जियां आ जाती थी पर अब तो झोला ही ढंग से नहीं भर पा रहा है.