विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सोमवार को कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से कई देशों को परेशानी सामना करना पड़ रहा है. मगर भारत इसमें शामिल नहीं है. एक समारोह में जयशंकर ने कहा कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं जिनके पास शाक्ति नहीं है. मगर पुराने औद्योगिक देश अभी भी मौजूद हैं और निवेश के अहम जगह बने हुए हैं.
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बदलाव के बावजूद,औद्योगिक और विकसित देशों की भूमिका अभी भी अहम है. वे आर्थिक नजरिए से सबके पसंदीदा बने हुए हैं.जयशंकर ने उल्लेख किया कि भारत ने हमेशा से ही वैश्विक संबंधों में एक स्थिर और मजबूत भूमिका निभाई है. इसका विदेश नीति समय के साथ और अधिक प्रासंगिक बनती जा रही है.
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जयशंकर ने वैश्विक शक्ति संतुलन में पश्चिम से पूर्व की ओर हो रहे बदलाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बड़ी बात कही. उन्होंने कहा, “हां, बदलाव हो रहा है. हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं. आप हमारी आर्थिक स्थिति को देखें. हमारी आर्थिक रैंकिंग देखें, भारतीय कंपनियों की पहुंच और उपस्थिति देखें. इसमें किसी तरह शक नहीं है कि संतुलन बदल रहा है.”
फिर वे विकास की ओर बढ़ने लगे
उन्होंने कहा, “मेरे विचार में यह जरूरी था, क्योंकि जब इन देशों ने औपनिवेशिक काल के बाद अपनी आजादी हासिल की. अपनी नीतियों का सेलेक्शन करना शुरू किया. फिर वे विकास की ओर बढ़ने लगे. यह हिस्सा अनिवार्य नहीं था. कुछ तेजी से बढ़े, कुछ धीमे, और कुछ बेहतर तरीके से. यहां पर शासन की गुणवत्ता और नेतृत्व की गुणवत्ता का महत्व आता है. यहां स्थिर और परिवर्तनीय दोनों हैं.” विदेश मंत्री के अनुसार, “एक अधिक विविध, बहुध्रुवीय दुनिया की ओर रुझान है. मगर एक ऐसा समय भी आता है, जब देश वास्तव में आगे बढ़ते हैं. उनका मतलब है कि यह वही है जो कॉर्पोरेट दुनिया में भी हुआ.”