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मंकीपाक्स से बचने को लेकर भारत ने क्या किए उपाय? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

कई राज्यों में सतर्कता संदेश जारी कर दिया गया है. तमिलनाडु में सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है.

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Mohit Saxena
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Monkeypox Epidemic

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मंकीपॉक्स को कंट्रोल करने के लिए भारत अपने निवारक उपायों को बढ़ाने में लगा हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश दे प्रमुख एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों को सलाह जारी करने की तैयारी में जुटा है. इसमें  उन्हें सतर्क रहने और संदिग्ध मामलों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का फैसला दिया है. तमिलनाडु में सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ  एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों स्वास्थ्य अधिकारी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और मध्य अफ्रीकी देशों से आने वाले पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इसके साथ हैदराबाद और नई दिल्ली में भी एयरपोर्ट्स को अलर्ट किया गया है. 

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एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता है

मंकीपॉक्स के वायरस का खतरा पुरुष और पुरुष के बीच यौन संबंध बनाने से बढ़ता है. इसके अलावा  एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वालों में भी इसका खतरा देखा गया है. ऐसे में लोगों को इनसे बचने की सलाह दी गई है. एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता है. अब  तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर बरपा रहा है. यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित  बीमारी से देखी जा रही है. इस बीमारी की पहली बार पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई. इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई. 

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है. ये आमतौर में किसी के संपर्क में आने से फैलती है. अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा गया है. यह बीमारी एक फ्लू जैसी बीमारी है. इससे शरीर में मवाद से भरे दाने समाने आते हैं. मपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो संपर्क से फैलता है. डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्‍स को इमरजेंसी का ऐलान किया है. पाकिस्‍तान में यह वायरस पहुंच चुका है. ऐसे में भारत   में भी अगर ये वायरस देता है तो किसी तरह की हैरानी की बात नहीं होगी. 

दूसरी बार इमरजेंसी का ऐलान किया  

इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए डब्लूएचओ ने तीन वर्षों में दूसरी बार इमरजेंसी का ऐलान किया है. इससे पहले 2022 में ऐसा देखा गया था. उस वक्त इस वायरस ने एक या दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा देशों में अपना कहर बरपाया था. मंकीपॉक्स क्लेड वन वेरिएंट है जो अभी सेंट्रल अफ्रीका में फैला हुआ है. वह इससे पहले आए क्‍लेड 2 स्‍ट्रेन से अधिक गंभीर है. यही कारण है कि मध्‍य अफ्रीका में मंकीपॉक्‍स के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर मौत के मामले भी सामने आए हैं. इस बीमारी का डेथ रेट 11 फीसदी है. वहीं, एमपॉक्‍स COVID-19 जैसा खतरनाक वायरस नहीं है. ऐसे उपकरण हैं, जो इसके प्रसार को रोकने में सक्षम है. यह इतनी आसानी से नहीं फैल पाता है. अब चुनौती ये है कि इसे कैसे दुनियाभर में फैलने रोका जाए. डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों को अलर्ट जारी किया  है, ताकि आगे हालत खराब ने हो सके. 

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