Bangladesh Protest News: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है. यह इस्तीफा ऐसे समय में आया जब सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. पिछले दो दिनों में इन विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इन हालातों के बीच सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने टेलीविजन पर घोषणा की कि वह देश की जिम्मेदारी ले रहे हैं और जल्द ही एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी.
सेना प्रमुख वकार-उज-जमान की भूमिका
आपको बता दें कि जनरल वकार-उज-जमान ने अपने संबोधन में देशवासियों से अराजकता और हिंसा से दूर रहने की अपील की. उन्होंने स्पष्ट किया कि सेना देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. यदि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद आर्मी रूल लागू होता है, तो जनरल वकार-उज-जमान के पास पूरे देश की कमान होगी.
यह भी पढ़ें : MP के इन 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, IMD ने दी ये अहम चेतावनी
वकार-उज-जमान का सैन्य करियर
वहीं लेफ्टिनेंट जनरल वकार-उज-जमान को हाल ही में प्रमोट कर आर्मी जनरल नियुक्त किया गया था. उन्होंने 11 जून 2024 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के लिए सिलेक्ट किया गया और 23 जून 2024 को उन्होंने तीन साल की अवधि के लिए सेना प्रमुख का पदभार संभाला. वकार-उज-जमान का जन्म 1966 में ढाका में हुआ था और उन्होंने जनरल मुहम्मद मुस्तफिज़ुर रहमान की बेटी साराहनाज कमालिका जमान से शादी की, जो 1997 से 2000 तक बांग्लादेश के सेना प्रमुख रहे थे.
शैक्षणिक और पेशेवर उपलब्धियां
इसके अलावा आपको बता दें कि वकार-उज-जमान ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री और किंग्स कॉलेज लंदन से रक्षा अध्ययन में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की है. उनकी शैक्षणिक योग्यता ने उन्हें सेना में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन किया. उन्होंने सैन्य अभियानों और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के रूप में कार्य किया और विभिन्न अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई.
वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां
बहरहाल, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, जनरल वकार-उज-जमान ने मोर्चा संभालते हुए देश में स्थिरता लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. साढ़े तीन दशक के करियर में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के साथ मिलकर काम किया है, लेकिन वर्तमान विरोध प्रदर्शनों के चलते उन्होंने जनता की सुरक्षा और सरकारी संपत्ति की रक्षा का जिम्मा लिया है.
वहीं बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद यदि आर्मी रूल लागू होता है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनरल वकार-उज-जमान देश को किस दिशा में ले जाते हैं. उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव इस चुनौतीपूर्ण समय में बांग्लादेश को स्थिरता प्रदान करने में सहायक हो सकते हैं.