Vinesh Phogat's Olympic disqualification case: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (सीएएस) आज यानी शुक्रवार को फैसला सुना सकता है. विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम वर्ग के कुश्ती फाइनल में अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को CAS में चुनौती दी है. कोर्ट में फ्रांसीसी वकील ही विनेश फोगाट का प्रतिनिधित्व करेंगे. हालांकि कोर्ट में दिग्गज भारतीय वकील हरीश साल्वे भी विनेश फोगाट का पक्ष रखेंगे. आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं हरीश साल्वे, जो भारत की बेटी विनेश फोगाट को इंसाफ दिलवाएंगे. साथ ही जानते हैं कि उनके केस लड़ने से कैसे विनेश को मेडल मिलने की उम्मीदें कई गुना बढ़ गईं.
हरीश साल्वे रखेंगे विनेश का पक्ष
पेरिस में भारतीय समयानुसार शाम साढ़े डेढ़ बजे सुनवाई शुरू होने वाली है. विनेश फोगाट का मेडल मिलेगा या नहीं, कोर्ट फैसला करेगा. विनेश फोगाट ने संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील की है. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स में फ्रांसीसी वकील ही विनेश फोगट का प्रतिनिधित्व करेंगे, लेकिन भारतीय दल की अपील पर सरकार ने हरीश साल्वे को भी मदद के लिए भेजा है. हरीश साल्वे और खेल कानून विशेषज्ञ विधुष्पत सिंघानिया एमिकस क्यूरी ब्रीफ के रुप में हिस्सा लेंगे.
ओवरवेट के चलते अयोग्य हुईं विनेश
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट (Vinesh Phogat News) ने जबरदस्त शुरुआत की थी. विनेश फोगाट ने एक दिन में तीन मुकाबले जीतकर सनसनी फैला दी थी, लेकिन फाइनल मुकाबले से पहले उनका वजन तय मानकों से 100 ग्राम अधिक पाया गया था, जिसके चलते डिसक्वालीफाई कर दिया गया था. इस तरह गोल्ड मेडल जीतने का उनका फैसला टूट गया था.
विनेश ने किया सन्यास का ऐलान
पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालिफाई होने के बाद विनेश फोगाट कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर चुकी हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई. मैं हार गई. माफ करना. आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी. माफी…’
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 7, 2024
अलविदा कुश्ती 2001-2024 🙏
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी 🙏🙏
विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित किए जाने और उनके सन्यास लेने की खबरें सुर्खियों में छा गईं. आम से लेकर खास लोग सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की मांग रहे थे. इसके बाद पीएम मोदी ने विनेश फोगाट को मेडल दिलवाने के लिए हर संभव मदद किए जाने का आश्वासन दिया था. विनेश फोगाट के लिए पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट भी किया था.
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पीएम मोदी ने किया ये पोस्ट
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. आज की हार दुख देती है. काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं. चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है. और मजबूत होकर वापस आओ!.’
Vinesh, you are a champion among champions! You are India's pride and an inspiration for each and every Indian.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2024
Today's setback hurts. I wish words could express the sense of despair that I am experiencing.
At the same time, I know that you epitomise resilience. It has always…
इसके बाद मोदी सरकार ने विनेश फोगाट मामले को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से गंभीरता से लेने को कहा. पीएम मोदी ने खुद IOA की प्रमुख पीटी ऊषा को विनेश फोगाट से बातचीत करने के लिए कहा. वहीं, इसके बाद सरकार ने हरीश साल्वे को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में विनेश फोगाट का केस लड़ने के लिए IOA द्वारा नियुक्त किया गया है. अब साल्वे पर केस जीतकर विनेश को मेडल दिलवाने की उम्मीदे हैं.
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कौन हैं हरीश साल्वे? (Who is Harish Salve)
हरीश साल्वे को देश का नंबर वकील कहा जाता है. वो संवैधानिक, वाणिज्यिक, कराधान, अतंरराष्ट्रीय संबंधित कानून मामलों के एक्सपर्ट हैं. कुलभूषण जाधव समेत कई इंटरनेशनल मामलों और हाई प्रोफाइल केसों में हरीश साल्वे कानूनी लड़ चुके हैं. हरीश साल्वे की सबसे बड़ी खासियत कोर्ट में उनका दलील रखने का तरीका है. वो कोर्ट में ऐसे दलील रखते हैं कि अन्य सभी वकील हैरत में पड़ जाते हैं. उनको कानून की गहरी समझ है. वो जो भी केस हाथ में लेते हैं, उसमें उनके जीतने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए अब विनेश फोगाट को मेडल मिलने की उम्मीदें कई गुना बढ़ गई हैं.
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साल्वे को ज्यादातर हाई-प्रोफाइल मामलों के लिए चुना जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वो एक बड़े केस लड़ने के लिए 40 लाख तक फीस लेते हैं. कुलभूषण जाधव मामले में तो उन्होंने कमाल ही कर दिया था. कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. भारत ने ये मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायलय (ICJ) में उठाया. ये हरीश साल्वे की दलीलों का ही कमाल था कि ICJ ने पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी. इस केस के लिए उन्होंने 1 रुपये की फीस चार्ज किया था.
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