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Maulana Sajid Rashidi Controversy Photograph: (न्यूज नेशन)
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी को मंगलवार को न्यूजरूम में सपा नेताओं ने थप्पड़ मारे. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दो-तीन युवकों ने मंच पर आकर बिना किसी पूछताछ के उन पर हमला कर दिया. बीच-बचाव के बाद हमलावर भाग गए. दरअसल न्यूज नेशन पर आयोजित कार्यक्रम खत्म हो चुका था. शो के होस्ट रमेश भट्ट और हिमानी नेथानी भी अपने कागज समेट कर दर्शकों और अन्य मेहमानों को धन्यवाद दे रहे थे. एक घंटे की गर्मागरम बहस के बाद न्यूज नेशन का स्टूडियो सामान्य होने लगा. लोग अपनी जगहों से उठने लगे. न्यूज नेशन ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि हम ऐसी किसी भी घटना का समर्थन नहीं करते.
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— News Nation (@NewsNationTV) July 30, 2025
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वहीं, मौलाना साजिद रशीदी को थप्पड़ मारने वाले सपा कार्यकर्ताओं ने आज न्यूज नेशन से खुलकर बात की. आरोपियों ने बताया कि उन्होंने मौलाना को थप्पड़ क्यों मारा. मौलाना को थप्पड़ मारने वालों में से एक सपा नेता प्रशांत भाटी ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक परिवार है और अगर कोई तथाकथित मौलाना परिवार के मुखिया के लिए अपशब्द बोलता है तो चुप नहीं बैठा जाएगा. देश में जिस महिला (डिंपल यादव) की सादगी की मिसाल दी जाती है, उसके बारे में ऐसी बात करना बहुत निंदनीय है. वहीं, दूसरे आरोपी सपा नेता श्याम सिंह भाटी ने कहा कि यह घटना की कोई पूर्वनियोजित नहीं थी. लेकिन यह फर्जी मौलाना हमारी नेता डिंपल यादव के लिए लगातार अपशब्द बोले जा रहा था. इसलिए हमें ऐसा करना पड़ा.
सपा नेता श्याम सिंह भाटी ने कहा कि जिस तरह से मौलाना ने हमारी नेता डिंपल यादव को कहा कि वो मस्जिद में नंगी बैठी हुई थी. यह बहुत ही घटिया तरह की हरकत थी. इसके बाद भी मौलाना अपनी बातों पर अड़ा हुआ था और समझने का नाम नहीं ले रहा था. प्रशांत भाटी ने कहा कि हम भी हिंसा का समर्थन नहीं करते, लेकिन अगर कोई हमारे परिवार के मुखिया के बारे में गलत बोलेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे.
मुस्लिम स्कॉलर शेख अलीमुद्दीन अंसारी ने कहा कि महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करने वाले ठीक नहीं हैं. हम इस्लाम को मानने वाले हैं और हमारे यहां महिलाओं को सम्मान दिया जाता है. डिंपल यादव का मस्जिद में बैठा किसी भी तरह गलत नहीं है. क्योंकि वह अपने धर्म के अनुसार साड़ी पहन कर आईं थी. उन्होंने कहा कि कैराना सांसद इकरा हसन के साथ ऐसी घटना नहीं हुई थी और जो हुआ उसके लिए पूरा हिंदू इकरा हसन के साथ है.
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि जैसे मैं जाने के लिए खड़ा हुआ तभी तीनों लोग मेरे सामने आ गए, मेरा हाथ मरोड़ने की कोशिश की. मैं भागने लगा तो चैनल के कुछ लोग हमारे बीच में आ गए. इस दौरान हमारे बीच कोई बात नहीं हुई. इस घटना के पीछे कोई वजह नहीं है. सपा इस घटना को सियासी रंग देना चाहती थी. ये लोग मस्जिद में पहुंचे और फोटो खींचा और वायरल किया. ताकि बीजेपी इसका विरोध करे और मुद्दा बनाए. लेकिन मेरी संज्ञान में यह मामला आया. मैंने केवल अर्धनग्न कहा था, मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया. उन्होंने कहा कि मैंने यह बयान किसी के कहने पर नहीं दिया. यह मेरा अपना बयान था. मैंने तो एक छोटी से बात कही थी, लेकिन पता नहीं क्यों बवाल मचा है.
मुस्लिम स्कॉलर मोहम्मद उस्मान ने कहा कि मस्जिद में महिलाओं के बैठने को लेकर हमारे धर्म में भी अलग-अलग राय है. इसलिए किसी एक व्यक्ति की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि साजिद रशीदी कोई मौलाना नहीं है. उसको मौलाना कहना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. चाहे डिंपल यादव हों या इकरा हसन. किसी जाति धर्म नहीं बल्कि हमारे देश की बेटियां हैं. कोई भी मामला हिंदू-मुस्लिम की नजरें से नहीं देखा जाना चाहिए. धर्म के नाम पर देश को तोड़ने वालों का बहिष्कार होना चाहिए.
सपा नेता मोहित नागर ने कहा कि हम गलत करने की इच्छा में नहीं थे, लेकिन मौलाना साजिद ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया और बार-बार मना करने पर भी नहीं माने तो हमें ऐसा करने को मजबूर होना पड़ा. हम पहले साजिद रशीदी के पास बात करने गए थे. वो कह रहे थे कि 90 करोड़ लोग हमारे साथ हैं. मजबूरी में हमें हाथ उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को किसी धर्म व बहन बेटियों का अपमान करने का अधिकार नहीं है. इकरान हसन के साथ पूरा गूर्जर समाज है. हम सब उनके साथ है.
सपा नेता श्याम सिंह भाटी ने कहा कि हमारी किसी जाति, धर्म और संप्रादय से लड़ाई नहीं है. हमारी लड़ाई केवल एक व्यक्ति विशेष है, जिसने हमारी नेता का अपमान किया. हमने कोई शुरुआत नहीं की. साजिद रशीदी ने अपनी बात से बाज नहीं आ रहे थे.
यूएमईसी चेयरमैन मुफ्ति शमून कासमी ने कहा कि देश को धर्म के नाम पर बांटा जाना गलता है. हमारी सरकार सभी धर्म और जातियों को साथ लेकर चल रही है और सभी के लिए काम कर रही है. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है.