Delhi Doctors On Strike: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसका असर राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में भी देखा जा रहा है. 12 अगस्त से डॉक्टर हड़ताल पर हैं. हड़ताल को आज 9 दिन हो चुके हैं और इस वजह से अब तक सिर्फ दिल्ली में 10 हजार से अधिक सर्जरी टली. इस बीच 20 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई.
12 अगस्त से राजधानी दिल्ली में हड़ताल पर डॉक्टर्स
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया और इस केस को लेकर राष्ट्रीय टास्क फोर्स भी गठित किया गया है. जिसमें 10 सदस्य होंगे. वहीं, कोर्ट ने यह भी माना कि जिस तरह की घटना घटित हुई है, यह डॉक्टरों की सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है. साथ ही डॉक्टरों से वापस ड्यूटी पर भी लौटने के लिए कहा. बावजूद इसके डॉक्टरों को हड़ताल जारी है.
10000 से अधिक सर्जरी टली
एक आकंड़ें के अनुसार 12 अगस्त से जारी डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से सिर्फ दिल्ली के एम्स, आरएमएल, सफदरजंग जैसे सभी बड़े अस्पतालों में अब तक 10 हजार से ज्यादा सर्जरी टाली जा चुकी है. इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर जाए तो जाए कहां? इस 9 दिन के हड़ताल में दो दिन की छुट्टी भी शामिल है. एक रिपोर्ट की मानें तो AIIMS में हर रोज 850 सर्जरी होती है. वहीं, एक हफ्ते में करीब 5900 सर्जरी की जाती है, लेकिन हड़ताल की वजह से 90 फीसदी सर्जरी कम हो रही है. मरीजों को सर्जरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कमेटी गठित
ओपीडी की बात करें तो कैंसर सेंटर की ओपीडी में भी नए मरीज नहीं आ रहे हैं. आधे दिन के बाद ओपीडी में बंद जैसी स्थिति देखी जा रही है. बता दें कि दिल्ली की सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए चिकित्सा अधीक्षक या निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित किया जाएगा, जो कमेटी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को देखेगी और उसका निरीक्षण करेगी. इसे लेकर सभी अस्पतालों में निर्देश जारी कर दिया गया है.