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क्या ओलंपिक पदक विजेताओं के कोच समरेश जंग के घर पर चलेगा बुलडोजर? जानें पूरी कहानी

मुन भाकर और सरबजोत के कोच हैं समरेश जंग, दिल्ली के लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (LNDO) की ओर से उन्हें घर खाली करने का नोटिस मिला है. 

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Mohit Saxena
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samresh jung

samresh jung (social media)

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समरेश जंग का नाम आज सुर्खियों में होने का कारण मनु भाकर का पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक मेडल जीतना. वहीं सरबजोत सिंह ने भी शूटिंग में एक कांस्य पदक जीतना है. दोनों के कोच समरेश हैं. दोनों ने देश का नाम रोशन कर दिया है. दोनों खिलाड़ियों पर देश को नाज है. मगर ऐसे महौल मे समरेश एक अलग जंग लड़ रहे हैं. उनकी परेशानी की वजह दिल्ली के लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (LNDO) की ओर से भेजा  एक नोटिस है. उन्हें कहा गया है कि वह अपने घर को दो दिनों में खाली करा दें. आपको बता दें कि पहले ही इस क्षेत्र में 250 घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. 

दिल्ली हाई कोर्ट का क्या आर्डर है

समरेश ने 2006 में राष्ट्र मंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक,एक रजत पदक तथा एक कांस्य पदक जीते हैं. उन्हें गोल्डफिंगर के नाम से जाना जाता है. उनका दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित खैबर पास कॉलोनी में निवास है. इस इलाके को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नौ जुलाई को आदेश जारी किया था. आदेश में कहा कि यह जमीन रक्षा मंत्रालय के आधीन आती है. इससे पहले 1 जुलाई को यहां पर रहने वाले लोगों से कहा गया था कि वे 4 जुलाई तक घर को खाली कर लें.

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इस आदेश को लेकर यहां के लोगों ने अदालत में चुनौती दी थी. अदालत ने 3 जुलाई   को तत्काल सुनवाई की. उसने कहा कि उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए ये निर्माण  गिराए गए हैं. 9 जुलाई को जब सुनवाई हुई तब कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता भूमि    पर अपने स्वामित्व का किसी तरह का ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए हैं. 

दिल्ली में कोई दूसरा घर नहीं 

इस तरह से समरेश जंग को भी वह नोटिस आया. यहां के अन्य निवासियों और संस्थानों को इस तरह का नोटिस आया. टीम के कोच समरेश जंग के अनुसार, स्वदेश लौटने के एक घंटे के बाद उन्हें पता चला कि घर को जल्द खाली करना ही होगा. उन्हें 48 घंटों का समय दिया गया. उनके पास दिल्ली में कोई दूसरा घर नहीं है. पुश्तैनी घर को अवैध निर्माण बताया गया है. वहीं इस घर में वह करीब 75 साल से अपने परिवार के संग रह रहे हैं. अब देखना होगा​ कि इस मामले में सरकार की ओर से समरेश को क्या मदद मिल सकती है. निशानेबाजी में देश को तीन मेडल जीताने में खास योगदान देने वाले समरेश को इस मुसीबत से किस तरह से राहत मिलती ये आने वाला समय बताएगा. 

 

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