भारत-चीन के बीच सीमा पर बीते चार साल से तनाव चल रहा था. अब इसमें बड़ा अपडेट सामने आया है. दो दिन पहले ही रूस के कजान में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच BRICS समिट से अलग द्विपक्षीय बातचीत सामने आई थी. इसका असर अब सीमा पर भी देखने को मिल रहा है. इस दौरान भारत ने आपसी विवादों और मतभेदों को सही ठंग से सुलझाने पर जोर दिया था.
आपको बता दें कि चार दिन पहले मोदी और जिनपिंग की मुलाकात हुई. अब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सेनाओं का डिसइंगेजमेंट यानि सैनिकों की वापसी आरंभ हो चुकी है. देपसांग और डेमचौक में स्थानीय कमांडर डिसइंगेजमेंट यानी सैनिकों की वापसी शुरू हो चुकी है. देपसांग और डेमचौक में स्थानीय कमांडर डिसइंगेजमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
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इस दौरान डेमचौक में बड़ा डेवलेपमेंट हुआ है. दोनों ओर से अब तक पांच-पांच टेंटों को हटाया गया है. ये प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. गुरुवार रात तक करीब आधा काम पूरा हो चुका है. पूरी प्रक्रिया खत्म होने के बाद संयुक्त सत्यापन प्रक्रिया आरंभ होगी. सत्यापन जमीन के अलावा हवाई सर्वेक्षण के जरिए से होगा. दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास के आधार पर यह अभियान चलाया जा रहा है.
दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे
डेमचौक में भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी भाग की ओर पीछे हट रहे हैं. वहीं चीनी सैनिक नाला के पूर्वी हिस्से की ओर निकल रहे हैं. दोनों ओर से करीब 10 से 12 अस्थायी ढांचे और 12 तंबू बने हुए हैं. इन्हें हटाने की तैयारी हो रही है. देपसांग में चीनी सेना के पास टेंट नहीं हैं. मगर उन्होंने गाड़ियों के बीच तिरपाल का उपयोग किया. देपसांग में अब तक आधे ढांचे हटाए जा चुके हैं. चीनी सेना ने इलाके में अपने वाहनों की मात्रा को कम कर दिया है. भारतीय सेना ने भी वहां से कुछ सैनिकों को कम किया है.
लद्दाख में सैनिकों की वापसी शुरू
वहीं चीन ने ऐसी पुष्टि की है कि भारत-चीन सीमा पर तनाव कम होने के बाद लद्दाख में सैनिकों की वापसी आरंभ हो चुकी है. चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और चीन ने लद्दाख में सैनिकों की वापसी आरंभ कर दी है. बीजिंग के अनुसार, भारत-चीन समझौते के बाद लद्दाख में सैनिकों की वापसी आरंभ हो चुकी है. ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों ओर से अग्रिम पंक्ति की टुकड़ियां सुचारू रूप से प्रासंगिक कार्य कर रही हैं.