देश को नया राष्ट्रपति मिलने के बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बर्नजी को बड़ा झटका लगा है दरअसल, 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगी हुई थी. जिसके लिए ममता बनर्जी ने इस राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष को एकजुट करने के लिए तमाम दलों से बातचीत भी की थी. हालांकि, कई उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा के बाद यशवंत सिन्हा का नाम तय हुआ था. आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा कुछ समय पहले ही TMC में शामिल हुए थे. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन भरने के लिए TMC से इस्तीफा दिया था.
आपको बता दें कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एक खास बात सामने आई जिसमें बीजेपी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमुल कांग्रेस में भी क्रॉस वोटिंग की गई है. साथ ही साथ बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर बताया कि TMC के दो सांसद और एक विधायक ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया. इतना ही नहीं TMC के 2 सांसदों औऱ चार विधायकों के वोट भी रद्द हुए है. वहीं दुसरी तरफ तमाम धमकियों के बाद भी बंगाल में सभी विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया.
वहीं अगर बात करें राष्ट्रपति की वोटिंग की तो पश्चिम बंगाल से लेकर हर अलग अलग राज्यों में जमकर क्रॉस वोटिंग की गई. साथ ही साथ BJP का दावा है कि द्रौपदी मुर्मू को 125 विधायक और 17 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग कर समर्थन किया.
अब वही आगे बात करें कि किस राज्य में कितनी वोटिंग हुई है तो आपको बता दें कि बताया जा रहा है कि असम में 22 विधायक, मध्यप्रदेश में 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. बिहार और छत्तीसगढ़ में 6-6 विधायकों ने जबकि गोवा में चार और गुजरात में 10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की.
राष्ट्रपति पद के चुनाव में आदिवासी चेहरा द्रौपदी मुर्मू को झारखंड में विपक्षी विधायकों ने समर्थन दिया साथ ही साथ आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू को सबसे ज्यादा वोट यूपी में मिले, वही दुसरी तरफ यशवंत सिन्हा के समर्थन में सबसे ज्यादा वोट पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में मिले. वही आंध्रप्रदेश, नगालैंड और सिक्किम में सारे वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले, तो वहीं, केरल में उन्हें सिर्फ एक विधायक का वोट मिला.
HIGHLIGHTS
- देश को मिला आदिवासी राष्ट्रपति
- ममता को लगा बड़ा झटका
- पार्टी में नहीं रोक पाई क्रॉस वोटिंग
Source : News Nation Bureau