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एक ऐसा रंग... जिससे डरती है दुनिया की आधी आबादी!

क्या आपने कभी सुना है कि किसी को कलर से भी डर लग सकता है? डॉक्टर्स के मुताबिक 'जैंथोफोबिया' पीले रंग से होने वाला बेवजह का डर है, जिसे येलो फोबिया के नाम से भी जाना जाता है.

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Pooja Kumari
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Xanthophobia: कई बार आपने सुना होगा कि लोगों को किसी न किसी चीजों से डर लगता है. लेकिन कई बार ये डर इतना खतरनाक हो जाता है कि ये एक बीमारी का रूप ले लेती है, और हम इस बीमारी से जिंदगी भर उबर नहीं पाते. अक्सर आपने यही सुना होगा कि लोगों को पानी, आग या जानवरों से डर लगता है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी को कलर से भी डर लगता है? बता दें कि ये एक ऐसा डर है, जिसमें इंसान को किसी रंग से डर लगने लगता है.डॉक्टर्स के मुताबिक इस बीमारी को जैंथोफोबिया कहा जाता है.

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क्या है जैंथोफोबिया? 

बता दें कि डॉक्टर्स के मुताबिक 'जैंथोफोबिया' पीले रंग से होने वाला बेवजह का डर है, जिसे येलो फोबिया के नाम से भी जाना जाता है. जैंथोफोबिया के शिकार लोग पीले रंग को देखते ही या इसके संपर्क में आने पर एकदम से परेशान होने गता है. ऐसे में उन्हें सीने में दर्द, घबराहट और घुटन जैसे लक्षण महसूस होने लगता है. ऐसा क्यों होता है, इसकी वजह को लेकर एक्सपर्ट्स अभी भी रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन ये माना जाता है कि इसके लिए जेनेटिक्स, हमारे आस-पास का वातावरण और मनोवैज्ञानिक कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. जानकारी के कारण इसके कई कारण हो सकते हैं, इनमें डिप्रेशन की फैमिली हिस्ट्री, पीले रंग से जुड़ा कोई हादसा, बहुत ज्यादा स्ट्रेस और नशे की लत जैसे कई कारण हैं. ये सभी जैंथोफोबिया की संभावना को बढ़ाते हैं.



क्या कहते हैं डॉक्टर? 

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डॉक्टर्स का कहना है कि जैंथोफोबिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. ऐसे में अक्सर व्यक्ति को पीले रंग या पीली वस्तुओं को देखते ही डर या चिंता का एहसास, बहुत ज्यादा पसीना आना, कांपना, धड़कनें तेज होना सांस लेने में परेशानी जैसी चीजें होने लगती है. कई बार इससे व्यक्ति के जीवन पर भ इसका असर पड़ता है. गौरतलब है कि जैंथोफोबिया का उपचार आमतौर पर डॉक्टर और दवाओं के जरिए ही किया जाता है. इसके अलावा बिहेवियरल थेरेपी (CBT), एक्सपोजर थेरेपी और एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जाइटी दवाएं भी मरीज की कंडीशन के आधार पर दी जाती हैं. बता दें कि एक्सपोजर थेरेपी में व्यक्ति को धीरे-धीरे पीले रंग से कंफर्ट करवाया जाता है. जिससे उसका डर पहले से थोड़ा कम होने लगता है. डॉक्टर्स की मानें तो जैंथोफोबिया का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, इसे थेरेपी और दवाओं की मदद से थोड़ा कम किया जा सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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