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आखिर भारतीयों में क्यों हो रही है आयरन, कैल्शियम और फोलेट की कमी? जानकर चौंक जाएंगे आप

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयरन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व बेहद आवश्यक है. भारत में महिलाएं पुरुषों की तुलना में आयोडीन की अपर्याप्त मात्रा का सेवन करती हैं. वहीं महिलाओं की तुलना में पुरुष जिंक और मैग्नीशियम की अपर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं.

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Pooja Kumari
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Calcium Deficiency: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयरन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व बेहद आवश्यक है. लेकिन हाल ही प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया की लगभग 70 प्रतिशत आबादी  आयोडीन, विटामिन ई और कैल्शियम का उचित मात्रा में सेवन नहीं कर रहे. अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में पांच अरब से अधिक लोग आयोडीन, विटामिन-ई और कैल्शियम का सेवन नहीं करते हैं. 

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आयरन की कमी से होने वाले नुकसान 

बता दें कि भारत में महिलाएं पुरुषों की तुलना में आयोडीन की अपर्याप्त मात्रा का सेवन करती हैं. वहीं महिलाओं की तुलना में पुरुष जिंक और मैग्नीशियम की अपर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं. ऐसे में शरीर में इनकी पर्याप्त मात्रा पूरी न होने पर लोगों को तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. प्रत्येक कमी के अपने स्वास्थ्य संबंधी परिणाम होते हैं, जिनमें प्रतिकूल गर्भावस्था परिणाम से लेकर अंधापन और संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि शामिल है. आयरन की कमी एनीमिया का कारण है, जिससे गर्भावस्था में बच्चे पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही विटामिन-ए की कमी से आंखों की रोशनी में कमी आ सकती है, ये अधिकतर बच्चों को प्रभावित करते हैं. 



आयोडीन और विटामिन-ए की कमी 

किसी बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर का इम्यूनिटी मजबूत होना बेहद जरूरी है. शरीर में इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने के लिए विटामिन ए और जिंक का सेवन करना चाहिए. प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में आयोडीन बेहद आवश्यक है. ये आपके बच्चे के दिमागी ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दुनिया में आधे से ज्यादा लोग राइबोफ्लेविन, फोलेट और विटामिन सी और बी6 का अपर्याप्त स्तर का सेवन करते हैं. नियासिन का सेवन पर्याप्त मात्रा के सबसे करीब था, जिसमें वैश्विक आबादी का 22% अपर्याप्त स्तर का सेवन करता है, उसके बाद थियामिन (30%) और सेलेनियम (37%) का स्थान आता है. भारत में, राइबोफ्लेविन, फोलेट, विटामिन बी6 और विटामिन बी12 का अपर्याप्त सेवन विशेष रूप से अधिक पाया गया.आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारण दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है.इससे दिल का आकार बढ़ सकता है या दिल का दौरा पड़ सकता है. इतना ही नहीं आयरन की कमी से प्रेग्नेंसी के समय में भी समस्याएं आ सकती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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