कैंसर दुनिया की एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज काफी ज्यादा मुश्किल है. वहीं अब इस मुश्किल काम में AI हमारी मदद करेगा. इन दिनों सर्वाइकल कैंसर के केस काफी ज्यादा बढ़ रहे है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि सही टाइम पर इस बीमारी का पता लगाया जा सकें. वहीं हाल ही में एक सम्मेलन हुआ था, जिसमें भारत समेत कई देश शामिल हुए थे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए AI यानी की आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस की मदद लेने की घोषणा की है. आइए आपको इसके बारे में बताते है.
पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट की जरूरत
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में कुछ सेल्स तेजी से बढ़ने लगते हैं. यह एक जेनेटिक बीमारी है. वहीं ट्यूमर वाले कैंसर रोगियों में एक ही इलाज की अलग-अलग प्रक्रिया हो सकती हैं. कैंसर के इलाज के लिए हर मरीज के लिए पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. डॉक्टर मरीज के अनुसार उसके ट्रीटमेंट का प्लान तैयार करते हैं. इसके लिए मरीज की बॉडी में पाए जाने वाले प्रोटीन और अन्य पदार्थों पर जानकारी का यूज करते हैं. AI कैंसर के पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट में तेजी लाने में काफी मददगार साबित हो रहा है.
कैसे मददगार AI
कैंसर का पता लगाने और इलाज से लेकर ट्यूमर और उनके लक्षण, और दवाई के परिणामों के बारे में की भविष्यवाणी तक में AI की मदद ली जा रही है. वहीं ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. वहीं इसका उपयोग ज्यादातर कैंसर स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है. कैंसर में स्क्रीनिंग बचाव का सबसे बेहतर उपाय है और इस दिशा में AI काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसके अलावा AI की मदद से फुल बॉडी स्कैन इमेजेज को बढ़ाने और उसके बाद रिपोर्ट तैयार करने के लिए एआई से काफी मदद मिल रही है.
एक्सपर्ट के मुताबिक कितना मददगार AI
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इलाज को और भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है. वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि अगर AI का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो मरीज का सर्वाइवल रेट और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. अगर किडनी में ट्यूमर है तो सीटीएमआरआई की इनफार्मेशन फीड की जा सकती है. इसके अलावा मरीज का और उसके इलाज का पूरा डाटा AI में फीड हो जाता है जिसके बाद इलाज करने में काफी ज्यादा मदद मिलती है. एक्सपर्ट के मुताबिक AI की मदद से इलाज के असेसमेंट में मदद मिलती है.
इन तरीकों से करेगा AI मदद
वहीं AI एक चार्ट बोर्ड भी बनाता है, जो कि आपको टाइम टाइम पर रिमाइंड करवाएगा कि आपको कब डॉक्टर के पास जाना है और कौन से टेस्ट कराने हैं. रोबोट या फिर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की इमेज अटैच की जा सकती है जिससे इंट्राऑपरेटिव सजेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए मिल सकते हैं. इसके अलावा AI के जरिए इन ऑपरेशन के बाद हुई जांच को देखते हुए आगे क्या बेहतर इलाज किया जा सकता है इसकी गाइडेंस भी मिलता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)